भोपाल। मप्र शासन को एक और अवार्ड मिलना चाहिए। टैक्स वसूलकर जनता को सबसे ज्यादा खून चूसने का अवार्ड। देश में शायद ही कोई ऐसी सरकार हो जो इनलॉजिकल टैक्स वसूली करती है। इतना ही नहीं टैक्स पर भी टैक्स वसूली कर लेती है।
मामला आरटीओ द्वारा वसूले जा रहे रोड टैक्स का है। यह मोटर व्हीकल की कीमत पर लगना चाहिए परंतु मप्र शासन
व्हीकल की कीमत+टैक्स=कुल अदा की गई रकम
पर टैक्स वसूल रही है। इस प्रकार व्हीकल का खरीददार वाहन की कीमत पर वेट टैक्स अदा करता है और उसी वेट टैक्स पर रोड टैक्स भी अदा करता है।
इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं
एक वाहन की कीमत 1 लाख उदाहरण के लिए
12.5 प्रतिशत वेट टैक्स हुआ 12500
कुल भुगतान की गई रकम 112500
रोड टैक्स लगना चाहिए वाहन की कीमत अर्थात 1 लाख रुपए पर=7000/-
वसूला जा रहा है 112500 पर 7 प्रतिशत=7850/-
निष्कर्ष यह कि किसी भी वाहन के एक लाख रुपए पर सरकार 875 रुपए ज्यादा वसूल रही है। एक कार की औसत कीमत 4 लाख रुपए होती है अत: एक कार पर औसतन 3500 रुपए ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है। यह वसूली 2005 से लगातार की जा रही है।
जरा सोचिए, 2005 से लेकर 2015 तक कुल कितने वाहन, उनकी कीमत कितने लाख और उस पर अवैध टैक्स की वसूली
कुल कितने करोड़ का चूना लगा दिया अपनी इस सरकार ने अपन लोगों को।