सेंट्रल डेस्क। मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा है कि यदि आरएसएस की साम्प्रदायिक कोशिशों को नहीं रोका गया तो एक बार फिर हिन्दुस्ताव टूट जाएगा, फिर एक नया पाकिस्तान बन जाएगा |
मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने आरएसएस को फासीवादी संगठन बताते हुए इस पर बैन लगाने की मांग की है। जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतें सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर मुस्लिम युवाओं के खिलाफ साजिश रच रही हैं।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां हर शख्स को अपनी मर्जी से अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। लेकिन इस देश को कानून और न्याय के रास्ते से भटकाकर अराजकता और फासीवाद की राह पर ले जाने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर बाबरी मस्जिद ढहाने में शामिल रहने का आरोप भी लगाया।
उन्होंने कहा जो लोग घर वापसी और हिंदू राष्ट्र के नाम पर नफरत फैला रहे हैं वे अपने धर्म की गलत तस्वीर पेश कर रहे हैं। मदनी ने कहा कि देश की आजादी के लिए मुस्लिम समुदाय से बड़ी कुर्बानी कोई और नहीं कर सकता। देश सांप्रदायिकता के आधार पर एक बार टूट चुका है और अगर इस पर लगाम नहीं लगाई गई तो एक बार फिर देश के टुकड़े हो सकते हैं।
पढ़िए इस बयान का खंडन करता हुआ भाजपा के प्रदेशअध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान का बयान
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ संस्कारों की पाठशाला है: नंदकुमारसिंह चौहान
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