
यह कहना ठीक होगा कि मंत्रालय में आईएएस अफसरों में युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की एसीएस रहीं अरुणा शर्मा के दिल्ली जाने के बाद से विभाग प्रभार पर चल रहा है। विकास आयुक्त का दायित्व ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की सीईओ अलका उपाध्याय को दिया गया है। पंचायतीराज संचालनालय भी बिना आयुक्त के चल रहा है। ग्रामीण विकास विभाग में सचिव का दायित्व भी प्रभार में चल रहा है।
ये विभाग भी प्रभार में
एसीएस दीपक खांडेकर वन के साथ व्यापमं के चेयरमैन और योजना, आर्थिक सांख्यकीय का प्रभार लिए हैं। प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल के पास हार्टिकल्चर का अतिरिक्त प्रभार है। केके सिंह के पास उच्च शिक्षा के साथ राजस्व और राहत का प्रभार है। आदिम जाति कल्याण विभाग के आयुक्त का प्रभार दुग्ध संघ के शोभित जैन के पास है। सामाजिक न्याय विभाग के सचिव का काम नागरिक आपूर्ति निगम के आयुक्त मनोहर अगनानी देख रहे हैं। जेल सचिव का पद भी खाली है। संभावना है कि प्रभार वाले पदों पर 92 बैच के कुछ अफसरों की पोस्टिंग होगी। वहीं कलेक्टरों में छतरपुर के डॉ.मसूद अख्तर को हटाया जा सकता है। उनके प्रति स्थानीय विधायकों और संगठन नेताओं की नाराजगी है। टीकगमढ़ के कलेक्टर केदार शर्मा और सतना के कलेक्टर संतोष मिश्रा का प्रमोशन होने से उन्हें मंत्रालय बुलाया जा सकता है।