ग्वालियर। चिटफंड कंपनी परिवार डेयरी पड़ोसी राज्य में नये नाम से कंपनी खोलकर निवेशकों से घोखाधड़ी कर रही है। कंपनी ने अपने निवेशकों को फोन कर दूसरे राज्य में बुलाती है और पुरानी पॉलिसी लेकर नई कंपनी की पॉलिसी देती है और पैसा ग्वालियर के कोर्ट कमिश्नर से लेने की बात कहती है। जब निवेशक नई पॉलिसी लेकर कोर्ट कमिश्नर कार्यालय पहुंचता है और पैसे नहीं मिलते, तब उसे अपने साथ हुई धोखाधड़ी का अहसास होता है। ऐसा ही एक ताजा मामला सोमवार को कोर्ट कमिश्नर के कार्यालय में सामने आया। अब निवेशक अपने साथ हुए धोखे की शिकायत मंगलवार को कलेक्टर से करेंगे।
दीप्ति यादव, मनोज तोमर, राजाराम पाल ने परिवार डेयरी की पॉलिसी ली थी। उनकी पॉलिसी की मैच्युरिटी टाइम दिसंबर 2012 में पूरा हो गया था लेकिन पैसे नहीं मिले थे। लंबे इंतजार के बाद इन निवेशकों के पास झांसी से फोन आया और बताया गया कि आप यहां आकर अपना पैसा वापस ले सकते हैं। ये लोग झांसी के इलाइट चौराहा स्थित नई कंपनी पीडीए फाउंडेशन के दफ्तर में पहुंचे। यहां उनसे पुरानी पॉलिसी लेकर नई कंपनी पीडीए फाउंडेशन की नई पॉलिसी जारी कर दी गई। इनसे कहा गया कि ग्वालियर के जिला सत्र न्यायालय में संचालित कोर्ट कमिश्नर कार्यालय से पैसा ले लें। साथ ही बताया कि वहां दो महीने बाद पैसा मिलेगा। निवेशक दीप्ति यादव के पति जितेन्द्र यादव जब पीडीए की पॉलिसी लेकर कोर्ट कमिश्नर कार्यालय पहुंचे तो उन्हें जवाब मिला कि यहां से सिर्फ परिवार डेयरी का पैसा मिलेगा। इसके बाद जब वह झांसी पहुंचे तो परिवार डेयरी की मूल पॉलिसी लौटाने से इनकार कर दिया गया। तब उन्हें अपने साथ हुए धोखे का अहसास हुआ।
परिवार डेयरी के हैं 19 हजार निवेशक
शहर में परिवार डेयरी के करीब 19 हजार निवेशक हैं। जिला सत्र न्यायालय ने परिवार डेयरी का पैसा बांटने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश ओपी शर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है। परिवार डेयरी ने अपने पैसे को बचाने के लिए नया तरीका निकाला है। कोर्ट कमिश्नर कार्यालय पहुंचने से पहले ही निवेशकों की पॉलिसी वापस ली जा रही हैं और पीडीए के नाम से नई पॉलिसी दी जा रही हैं। इसके लिए झांसी, ललितपुर, आगरा, इटावा, कानपुर सहित राजस्थान के जिलों में दफ्तर खोल दिए हैं। यहां से फोन करके निवेशकों को बुलाया जा रहा है।