नईदिल्ली। छत्तीसगढ़ राज्य के कांकेर जिले की महिला कलेक्टर शम्मी आबिदी ने जो कुछ किया उसकी उम्मीद ज्यादातर आईएएस अफसरों से नहीं की जा सकती। वो नदी पार बसे लोगों की समस्याएं जानने के लिए पानी से लबालब नाला पार करके पहुंची। अधिकारियों ने मना किया, बताया जान का जोखिम है, लेकिन वो नहीं मानी और जा पहुंची कोड़ेकुर्से गांव। यहां ग्रामीणों से बातचीत की और आश्वस्त किया कि अब अगली बारिश यह समस्या नहीं रहेगी।
कलेक्टर शम्मी आबिदी के मुताबिक, कांकेर जिला मुख्यालय से 115 किमी दूर दुगूर्कोदल क्षेत्र में जीवन जीना एक कठिन परीक्षा जैसा है। पीने का पानी, स्वास्थ्य, आवागमन के साधन जैसी बुनियादी चीजों के लिए भी यहां के लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि कोटरी नदी पर एप्रोच पुल नहीं होने की वजह से बरसाती नालों को लोग जान का जोखिम लेकर पार करते हैं। आज मैंने खुद महसूस किया कि यहां के लोग रोज जान का जोखिम लेते हैं। कोटरी नदी में पुल की बात करने पर कलेक्टर आबिदी ने कहा कि मैं खुद इस समस्या से दो चार होकर यहां पहुंची हूं. सभी समस्याओं का निदान जल्द होगा।
जनसमस्या निवारण शिविर में पहुंचीं कलेक्टर शम्मी आबिदी ने कहा कि कोटरी नदी क्षेत्र के 9 पंचायत के लगभग 25 गांवों के लोगों के लिए मुसीबत तो है, लेकिन लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, जल्द नदी पार करने के लिए नाव देंगे, बीमारी से भी मौत नहीं होगी, सुविधा नहीं होने पर तत्काल सूचित करें।