भोपाल। बैकलॉग भर्ती मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनका वादा याद दिलाने आए हजारों दलित बेरोजगारों पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। यहां तक कि प्रदर्शनकारी छात्राओं के कपड़े तक फट गए। पुलिस की लाठियां कमर के ऊपर और ज्यादातर पेट या पीठ में मारी गईं।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बेरोजगार अपने ऐलान के मुताबिक भोपाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। सीएम शिवराज सिंह ने 12 जून को घोषणा की थी कि एक महीने के भीतर सारे बैकलॉग के पद भर दिए जाएंगे। 18 सितम्बर 2016 को वो यही याद दिलाने और शिवराज सिंह ने जवाब मांगने आए थे। वो सीएम से मिलना चाहते थे परंतु प्रशासन ने उन्हें नीलम पार्क से आगे बढ़ने ही नहीं दिया।
हजारों की तादाद में जुटे दलित बेरोजगारों को पुलिस की भारी भरकम फौज ने घेर लिया। लाठीचार्ज कर प्रदर्शन को तितर बितर करने की योजना पहले से ही थी। इसी के चलते कुछ पुलिसकर्मियों ने लिली टॉकीज के पास प्रदर्शनकारियों से झड़प की। स्वभाविक था कि प्रदर्शनकारियों में से कुछ ने उग्र प्रतिक्रिया दी। बस फिर क्या था, पलक झपकते ही पुलिस ने लाठियां निकालीं और प्रदर्शनकारियों पर टूट पड़ी। उन्हें दौड़ा दौड़ाकर पीटा गया।
कई प्रदर्शनकारी घायल हुए। कई को गंभीर चोटें आईं हैं। इस दौरान कई दलित युवतियों के कपड़े भी फटे। पुलिस तब तक लाठियां चलाती रही जब तक कि सारे प्रदर्शनकारी तितर बितर नहीं हो गए। अब गुस्साए दलित बेरोजगार किसी नई रणनीति की तैयारी कर रहे हैं।