भोपाल। भोपाल एनकाउंटर में मारे गए आतंकवादी यदि सफल हो जाते तो वो नेपाल के जरिए सरिया जाने वाले थे। वहां वो आईएसआईएस ज्वाइन करने वाले थे। यह दावा खुफिया ऐजेंसी की जांच रिपोर्ट में किया गया है। सरकारी सूत्रों की मानें तो जेल ब्रेक के बाद आतंकियों के आगे की प्लानिंग को लेकर की गई तफ्तीश में यह भी सामने आया है कि इस प्लान के लिए सिमी आतंकी अपने यूपी कनेक्शन का इस्तेमाल करने वाले थे जहां से उनके नकली पासपोर्ट तैयार होते और वे नेपाल से सीरिया पहुंचते।
आतंकियों के सीरिया जाने की बातों की पुष्टि जेल में कैद अन्य कैदियों ने भी की है जिनसे वे इस बारे में जिक्र करते थे। बताया जा रहा है कि सिमी आतंकियों को लगने लगा था कि इस वक्त सिर्फ आईएसआईएस जो काम कर रही है वही उनकी विचारधारा से मिलता है।
मालूम हो जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड अबु फैजल था और गिरफ्तार होने के पहले से वो पाकिस्तान जाने की फिराक में भी था। अबु ने उत्तरप्रदेश में अपना अच्छा नेटवर्क भी बना लिया था जिसका उपयोग वो इन गतिविधियों के लिए करता था।
डकैती के पैसों से किए थे धमाके
अगस्त 2010 में भोपाल के मणप्पुरम गोल्ड फाइनेंस कंपनी में सिमी आतंकियों द्वारा लूटे गए सोने को बेचकर सिमी आतंकियों ने पटना के गांधी मैदान और बोधगया में बम धमाकों को अंजाम दिया था। इस डकैती में सिमी आतंकियों ने मास्टरमाइंड अबु फैजल के साथ 12 किलो सोना लूटा था।
इसी पैसे से अबू फैजल ने टाटा नगर में एक घर भी खरीदा था। डकैती में अबु फैजल के साथ पांच अन्य आतंकवादी जाकिर, साजिद, असलम, मुजीबुर्रहमान एवं एजाज उद्दीन भी शामिल थे। सूत्र यह भी बताते हैं कि लूटे गए गोल्ड में से आज भी कुछ सोना आतंकियों ने बचाकर रखा है जिसे बेचकर वो सीरिया जाने के प्लान को अंजाम देते। मामले में पुलिस ने सिर्फ छह किलो सोना ही बरामद किया था, बाकि सोना आज तक रिकवर नहीं हो पाया है।