भोपाल। कानपुर उत्तरप्रदेश मूल के छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ ने मप्र कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इससे पहले उन्होंने कभी संगठन का काम नहीं किया। वो कांग्रेस की प्रदेश इकाई में कभी कोई पदाधिकारी नहीं थे लेकिन इन दिनों कमलनाथ इन दिनों हर वो काम कर रहे हैं जो हाईकमान को प्रभावित करे और प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी उनके हाथ लग जाए।
पिछले दिनों कमलनाथ ने अपने समर्थक नेताओं एवं विधायकों से खत लिखवाए थे। जिसमें बताया गया था कि मप्र में कांग्रेस को बचाने के लिए कमलनाथ क्यों जरूरी हैं। इन चिट्ठियों का अच्छा असर हुआ है। कमलनाथ उत्साहित हैं कि हाईकमान इस दिशा में काफी गंभीर है। अब वो फाइनल की तैयारी कर रहे हैं। इसी के तहत वो भोपाल में मप्र के कांग्रेसी विधायकों एवं दिग्गजों को एक डिनर पार्टी देने जा रहे हैं। यह 21 या 22 फरवरी को हो सकती है।
भोपाल में मप्र कांग्रेस कमेटी ने विधानसभा के घेराव का ऐलान किया है। इसमें कमेटी ने सभी दिग्गज नेताओं को आमंत्रित किया। ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं कमलनाथ ने शामिल होने के लिए सहमति भी जता दी परंतु अब कमलनाथ इस घेराव को हाईजैक करने की तैयारी कर रहे हैं। माहौल कुछ इस तरह से बनाया जा रहा है कि यह घेराव प्रदर्शन कमलनाथ की लीडरशिप में होने जा रहा है। यदि सफल हुआ तो इसका श्रेय कमलनाथ को ही जाएगा। इस तरह कमलनाथ दिल्ली तक वो संदेश भेजने में सफल होंगे जिसकी कोशिश वो लगातार कर रहे हैं।
बताते चलें कि कमलनाथ ने इससे पहले कभी संगठन का काम नहीं किया। उनका प्रभाव छिंदवाड़ा के बाहर कुछ खास नहीं रहा। गांधी परिवार से अच्छे रिश्ते होने के कारण उन जिलों के कांग्रेसी नेता भी कमलनाथ के आसपास घूमते रहे जहां से छिंदवाड़ा आना जाना सरल हो। नेताओं के लिए कमलनाथ दिल्ली में टिकट फाइनल कराने का एक माध्यम हुआ करते हैं। संगठन की राजनीति और सबको साथ लेकर चलने की कला का प्रदर्शन कमलनाथ ने आज तक नहीं किया। जहां तक चुनावी प्रबंधन की बात है तो वो अपना चुनाव जीतने के अलावा कोई खास हासिल नहीं कर पाए। राज्यसभा में विवेक तन्खा की सुनिश्चित जीत का श्रेय बटोरने की कोशिश जरूर की थी लेकिन शहडोल के लोकसभा उपचुनाव में वो हवा भी निकल गई।