अशोक रघुवंशी/इंदौर। उत्तरप्रदेश में पेट्रोल पंपों पर हुई छापामारी और सामने आई गड़बड़ियों के बाद देश का हर पेट्रोल पंप संदेह के दायरे में आ गया है। इंदौर में भी लोग उम्मीद कर रहे थे कि यूपी जैसी कार्रवाई होगी परंतु यहां खाद्य विभाग ने सभी पेट्रोल पंपों को क्लीनचिट दे दी। विभाग ने जब सभी पंपों की जांच का ऐलान किया तो लोगों को उम्मीद थी कि उनके हितों का ध्यान रखा जाएगा परंतु यह जांच तो पंप संचालकों के फायदे की जांच साबित हुई।
इंदौर में 3 दिन चली जांच के बाद जनता को निराशा ही हाथ लगी। इंदौर खाद्य विभाग को इंदौर के एक भी पेट्रोल पंप पर अनियमता नहीं मिली। सभी पेट्रोल पंप पारदर्शी पाइप से ईमानदारी से पेट्रोल बेचते पाए गए। सभी पेट्रोल पम्पो पर स्वछ पेयजल वयवस्था व् शुलभ शौचालय मिले। क्या कारण है की इंदौर की जनता को लूटते हुए देखकर भी एक भी जनप्रतिनिधि इस मामले में आवाज नहीं उठाते। अधिकारी सिर्फ अपनी वसूली नियमित करने हेतु औपचारिक कार्यवाही करते हैं जबकि सभी जनप्रतिनिधि और अधिकारियों को पूर्ण जानकारी है की नियमानुसार किसी भी पेट्रोल पंप पर पारदर्शी पाइप से पेट्रोल नहीं दिया जा रहा।
जनता की भलाई की लड़ाई लड़ने के नाम पर जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि सत्ता सुख के आनंद में जनता और अपने फर्ज को भूल चुके है। खाद्य विभाग की इस कार्रवाई से जनता खुद को ठगा सा महसूस कर रही है। जनता को उम्मीद थी कि जनप्रतिनिधि भी इस दिशा में आवाज उठाएंगे परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ। आम उपभोक्ता आज भी पंपों में चल रहीं चालबाजियों का शिकार हो रहा है।