भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस से अब 20 साल पुराने या 50 साल उम्र वाले पुलिस कर्मचारियों को हटा दिया जाएगा लेकिन उन कर्मचारियों की नौकरी सलामत रहेगी जो इस दायरे में आने के बावजूद चुस्त हैं और 20 साल के अनुभव का फायदा विभाग को मिल रहा है। पुलिस महानिदेशक ऋषि शुक्ला ने साफ शब्दों में कहा है कि जो पुलिसकर्मी 20 साल की नौकरी और 50 साल की उम्र होने के बाद भी काम के प्रति गंभीर नहीं हैं उसे पुलिस से बाहर किया जाए। विभाग में वही लोग रहेंगे जो काम करेंगे। डीजीपी ने शनिवार को भोपाल जोन के अफसरों के साथ अपराध और भ्रष्टाचार को लेकर हुई बैठक में यह निर्देश दिए हैं। बैठक में आईजी और डीआईजी के अलावा चारों जिलों के पुलिस अधीक्षक, एएसपी, सीएसपी और एसडीओपी उपस्थित थे।
पुलिस मुख्यालय में शनिवार की सुबह साढ़े नौ बजे से शाम पांच बजे तक मीटिंग चली। बैठक में भोपाल जोन के लिए भोपाल, सीहोर विदिशा और राजगढ़ जिले के अफसरों ने अपराधों की रोकथाम और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रेजेंटेशन दिया। अफसरों ने बताया कि उनके यहां के अपराधों में कमी आई है। बदमाशों की धरपकड़ के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। बैठक में डीजीपी ने काम को लेकर अफसरों को समझाइश भी दी। उन्होंने बैठक में प्रधानमंत्री कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री के निर्देश हैं कि जो काम के प्रति गंभीर नहीं है उसके साथ 20-50 का फार्मूला लागू किया जाए। ऐसी ही मंशा मुख्यमंत्री की भी है।
फरियादी के साथ अभद्रता नहीं होनी चाहिए
डीजीपी ने कहा कि किसी भी पुलिसकर्मी की भ्रष्टाचार की शिकायत आती है तो उसकी जांच गंभीरता से होने चाहिए। जांच में दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाए। टीआई के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत आती है तो एएसपी उसकी जांच करें। उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि थाने में फरियादी के साथ अभद्रता नहीं होनी चाहिए। पुलिस एक सिस्टम तैयार करे जिसमें शिकायत या प्रकरण को लेकर फरियादी अपडेट रहे। पुलिस फरियादी को समय-समय पर बताए कि उसकी शिकायत में क्या प्रोग्रेस है। फरियादी को परेशान नहीं होना पड़े। उन्होंने त्योहारों पर कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने और बदमाशों को सलाखों क पीछे पहुंचाने के निर्देश दिए।