
डॉं पंकज टेकाम अपने आप को एमबीबीएस गोल्ड मेडिलिस्ट ओएम बताता था। शिकायत के आधार पर उनके दस्तावेजों की प्रथम दृष्टया जांच किये जाने पर वह फर्जी पाये गये है इस संबंध में डा.के.के. खोसला मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी बालाघाट ने बताया की डा.पंकज टेकाम को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन भोपाल के द्वारा सितम्बर 2016 में संविदा नियुक्ति दी गई थी उनका वेतन बालाघाट से दिया जा रहा है। संदेहास्पद दस्तावेज पाये जाने पर उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। जिस पर उन्होने 22 सितम्बर 2017 को अपना इस्तीफा दिया और नोटिस पाते ही फरार हो गये।
जानकारी मिली है कि उन्होने दस्तावेजों में ओरल मेडिसन में स्वर्ण पदक प्राप्त होने का उल्लेख किया है इस पर डा.खोसला ने अवगत कराया की मेडिकल सांईस में ओरल मेडिसन के नाम से कोई ब्रांच नही है। उन्होने यह भी बताया की पंकज टेकाम द्वारा दिये गये दस्तावेजों की एमसीआई से सत्यापन कराया जायेगा। वहां से रिपोर्ट आने पर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जायेगी।
खुद को डॉक्टर बताकर शादी कर ली
यह पता चला है कि डा पंकज टेकाम ने बैहर की महिला बाल विकास में कार्यरत महिला से डॉ.बताकर शादी भी कर ली है। डॉक्टर टेकाम के पिता बैहर क्षेत्र में शिक्षक के पद पर पदस्थ है लेकिन वे अपने बेटे की गाडी में लगी नीली बत्ती का रौब दिखाकर अपने आप को सीईओ जनपद पंचायत बताकर अधिकारियों,कर्मचारियों पर रौब दिखाते थे। बेटे के साथ पिता भी फरार हैं। यह पता चला है कि पिता पूत्र की रिश्तेदारी केन्द्र सरकार में पूर्व मंत्री रहें भाजपा के नेता से हैं उसकी संविदा नियुक्ति में उनके प्रभाव का इस्तेमाल किया गया है।