भोपाल। मप्र पुलिस अब भारी संख्या में पिस्टल खरीदने जा रही है। यह पिस्टल पुलिस की पुरानी रायफल को रिप्लेस करेगी जो सिपाहियों के कंधों पर दिखाई देती है। कहा जा रहा है कि रायफल का वजन बहुत ज्यादा होने के कारण सिपाहियों को परेशानी होती है। छोटा हथियार रखने में उनको आसानी होगी और किसी बदमाश की घेराबंदी करते समय उन्हें दिक्कत भी नहीं होगी। सिपाही-हवलदारों के लिए पुलिस मुख्यालय ने पहले चरण में साढ़े पांच हजार पिस्टल खरीदी हैं। इस साल के अंत तक राजधानी समेत अन्य बड़े शहरों की पुलिस को पिस्टल दी जाएंगी।
पुलिस के पुराने हथियारों को धीरे-धीरे फोर्स से हटाया जा रहा है। उनके स्थान पर नए और आधुनिक हथियार लाए जा रहे हैं। 303 रायफल के स्थान पर इनसास रायफल और रिवाल्वर की जगह पिस्टल ले रही है। 303 रायफल का इस्तेमाल भी अलग-अलग चरणों में पूरी तरह बंद किया जाएगा। रायफल में वजन अधिक होता है और उनकी मारक क्षमता अन्य हथियारों से अधिक होती है। इसी तरह रिवाल्वर में वजन अधिक होने से उसका इस्तेमाल करने में दिक्कत होती थी। जबकि पिस्टल की मारक क्षमता लगभग 50 मीटर होती है। अफसरों का मानना है कि बड़े और भारी रायफल लेकर गश्त करने में दिक्कत होती है। बदमाशों का मुकाबला करते समय सबसे बड़ी समस्या रायफल संभालने की होती है। इतना ही नहीं बहुत ज्यादा स्थिति खराब होने पर ही फील्ड में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ती है।
भीड़ को काबू करने में कारगर होता है छोटा हथियार
पुलिस के सामने दुश्मन नहीं, बल्कि भीड़ या बदमाश होते हैं। जिन्हें केवल काबू करने के लिए छोटा हथियार कारगर है। इसलिए रायफल के स्थान पर पिस्टल दी जा रही है। पुरानी रिवाल्वर को भी हटाया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय ने पिस्टल खरीदने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। सरकार की मंजूरी के बाद मुख्यालय लगभग 18000 पिस्टल (9एमएम) की कोलकाता आर्डिनेंस फैक्टरी से खरीदेगी। पहले चरण में करीब साढ़े पांच हजार पिस्टल मुख्यालय खरीद चुका है। आईजी प्रबंध मोहम्मद शाहिद अबसार का कहना है कि पहले चरण में आने वाली लगभग साढ़े पांच हजार पिस्टल भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत बड़े शहरों को भेजी जाएंगी।