भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आए दिन कुछ ना कुछ ऐसा करते जा रहे हैं जो विवादित हो जाता है। मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में ओरछा स्थित रामराजा सरकार का मंदिर जहां भगवान राम को राजा के रूप में विराजमान हैं एवं जहां दिन में 5 बार रामराजा सरकार को गार्ड आॅफ आॅनर दिया जाता है, में सीएम शिवराज सिंह चौहान की दर्शन यात्रा विवादित हो गई। पूरे 1 घंटे तक रामराजा सरकार पर शिवराज सिंह सरकार का कब्जा रहा। आम श्रृद्धालुओं के लिए दर्शन प्रतिबंधित कर दिए गए। कहा जा रहा है कि पिछले 400 साल में यह पहली बार है जब इस मंदिर में ऐसा हुआ। बताया गया है कि यहां भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी एक आम नागरिक की तरह दर्शन करने आईं थीं परंतु सीएम शिवराज सिंह के लिए VIP व्यवस्था व्यवस्था की गई।
इस मंदिर की दूसरी खास बात यह है कि यहां विराजमान रामराजा सरकार की प्रतिमा की फोटो आजतक बाजार में उपलब्ध नहीं है। यहां फोटो खींचना मना है। यहां तक कि लोग दीवार के किनारे खड़े होकर भी फोटो नहीं खींचते। यह कानून नहीं श्रृद्धा का विषय है। भगवान राम को राजा का पदवी प्राप्त है। सशस्त्र सलामी दी जाती है अत: उनकी फोटो खींचना भगवान राम का अपमान माना जाता है परंतु सीएम शिवराज सिंह ने यहां ना केवल फोटो खिंचवाए बल्कि मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्वीटर हेंडल @CMMadhyaPradesh से इन्हे वायरल भी कर दिया गया।
सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि सीएम शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं जो भारत की परंपराओं को संस्कृति की रक्षा की बात करती है। जो धर्म की रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने का ऐलान करती है। सीएम शिवराज सिंह भी खुद को एक आम आदमी की तरह ही प्रस्तुत करते हैं। 2 रोज पहले ही उन्होंने चूल्हे पर रोटी बनातीं उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह के साथ भोजन करते अपना फोटो वायरल किया था। इससे पहले वो शिवपुरी के सहरिया सम्मेलन में आदिवासी बालिकाओं का पाद पूजन करते दिखाई दिए थे।
बता दें कि पिछले 400 सालों में कभी भी कोई राजा इस मंदिर में मुकुट पहनकर नहीं आया। आजादी के बाद हजारों मंत्री और दर्जनों मुख्यमंत्रियों ने यहां दर्शन किए परंतु वीआईपी इंतजाम तो दूर की बात, उन्होंने ओरछा मंदिर की परिधि में कभी लालबत्ती और हूटर तक का उपयोग नहीं किया। प्रशासनिक अधिकारी यहां तक कि पुलिस भी यहां लालबत्ती जलाकर नहीं आती।
बता दें कि पिछले 400 सालों में कभी भी कोई राजा इस मंदिर में मुकुट पहनकर नहीं आया। आजादी के बाद हजारों मंत्री और दर्जनों मुख्यमंत्रियों ने यहां दर्शन किए परंतु वीआईपी इंतजाम तो दूर की बात, उन्होंने ओरछा मंदिर की परिधि में कभी लालबत्ती और हूटर तक का उपयोग नहीं किया। प्रशासनिक अधिकारी यहां तक कि पुलिस भी यहां लालबत्ती जलाकर नहीं आती।
मुख्यमंत्री @ChouhanShivraj ने ओरछा के राम राजा मंदिर में दर्शन-पूजन कर सबके लिए मंगल कामना की। pic.twitter.com/4zHqI99LT6— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) December 27, 2017