बारूद लगाकर उड़ा दी जाएंगी भोपाल की बूढ़ी टंकियां

भोपाल। 7 लोगों की अकाल मृत्यु एवं 30 से ज्यादा लोगों के घायल हो जाने के बाद, भोपाल की बूढ़ी टंकियों की पूरी फेहरिस्त पर मीडिया ने काम किया और अंतत: मीडिया का दबाव काम आया। इन टंकियों को आज बारूद से उड़ा दिया जाएगा। 

इस काम के लिए इन्दौर के प्रख्यात शरद सरवटे भोपाल पहुंच चुके हैं एवं लंच से पहले पहले तक करोंद के सुंदरनगर में स्थित टंकी को जमींदोज कर दिया जाएगा। इसके बाद अशोकागार्डन की टंकी को भी आज ही गिराया जाएगा।

नगर निगम द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कुल 108 टंकियों की जांच की गई है। जिसमें 37 टंकियों खतरनाक हालत में पाई गईं। इसमें से सुंदर नगर, जुमेराती, आनंद नगर, फिरदौस नगर और ओल्ड सुभाष नगर की टंकियों को तत्काल तोडऩे की बात सामने आई है। नगर निगम की जलकार्य शाखा के प्रभारी अपर आयुक्त प्रमोद शुक्ला ने बताया कि गुरुवार को सुंदर नगर, जुमेराती और आनंद नगर की टंकियां तोडऩे की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद बाकी दो टंकियों को तोड़ा जाएगा।

आनन-फानन में बुधवार को निगम कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने शहर भर की टंकियों का जायजा लिया। इस दौरान कमिश्नर ने इतवारा में टंकी के नीचे संचालित वार्ड 18 के ऑफिस को जोन ऑफिस में शिफ्ट करवाया। वहीं, शहर में कुल 32 जर्जर टंकियों की जांच के लिए निगम कमिश्नर ने मैनिट को पत्र लिखा है। मैनिट की रिपोर्ट के बाद इन्हें ढहाया या रिनोवेशन किया जाएगा। निगम ने बेहद जर्जर हालत में मिली पांच टंकियों को ढहाने का फैसला लिया है।


हादसे के बाद निगम द्वारा शहर में कुल 108 टंकियों का सर्वे किया गया। बुधवार सुबह इस रिपोर्ट को कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने देखा। इसके बाद वे दोपहर १२ बजे शहर की टंकियों को देखने के लिए रवाना हुए। इस दौरान टंकियों में कई खामियां मिलीं। अधिकांश टंकियों के नीचे पानी जमा है। इससे फाउंडेशन कमजोर हो रही है। जबकि 6 टंकियां ज्यादा दबाव के कारण जमीन की ओर हल्की झुक गई हैं।

कहीं पर प्लास्टर उखड़ रहा है, तो कहीं पर सीढिय़ां इतनी जर्जर हैं कि टंकी पर चढ़ा नहीं जा सकता है। ऐसे में सफाई नहीं हो पाती है। अशोका गार्डन में एक टंकी के नीचे सरस्वती माध्यमिक शिक्षा स्कूल संचालित हो रहा है। कमिश्नर ने प्राचार्य को इसे शिफ्ट करने के लिए कहा। शाहजहांनाबाद की टंकी के नीच चल रहे वार्ड ऑफिस 9 को भी शिफ्ट करने के लिए कहा है। गुरुवार को इसे गैस राहत दावा अदालत के दफ्तर में शिफ्ट करने की कार्यवाही होगी। वहीं, मुख्य अभियंता सुनील श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति का भी गठन किया गया है।

शाहजहांनाबाद स्थित यह पानी की टंकी भी निगम की जांच में जर्जर पाई गई है।

अतिक्रमण की रिपोर्ट अभी तैयार नहीं 


शहर में 108 टंकियों में से कितनी अतिक्रमण की जद में हैं या इनकी परिधि के अंदर कितना निर्माण है आदि की जांच रिपोर्ट भी गुरुवार को आ जाएगी। निगम ने इसकी जानकारी बुलवा ली है, लेकिन अभी इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक 90 फीसदी टंकियों के पास निर्माण होने की बात सामने आई है।

उधर, घटना के तीसरे दिन जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। राहत कार्य लगातार जारी हैं। निगम ने भी आधे स्थान से मलबा हटा लिया है। वहीं, महापौर कृष्णा गौर ने अवंतिका कम्युनिटी हॉल में पीडि़तों को 25-25 हजार रुपए के चेक बांटे।

मैनिट की प्रारंभिक जांच में खामी उजागर 


उधर, टंकी हादसे की जांच मैनिट के विशेषज्ञों ने शुरू कर दी है। बुधवार को मैनिट के तीन सदस्यीय दल ने साईं बाबा नगर में टंकी ढहने वाले स्थल का जायजा लिया। सूत्रों के मुताबिक मैनिट की टीम ने यहां प्रारंभिक जांच में काली मिट्टी और जमीन में लगातार पानी के रिसाव को हादसे का कारण माना है। हालांकि अभी जांच के कई बिंदु बाकी हैं, जिनके विश्लेषण के बाद अंतिम रिपोर्ट आएगी। इसके लिए अभी मैनिट की टीम 26 और 27 नवंबर को फिर से मौके का जायजा लेगी। मैनिट के प्रोफेसर डॉ. एसके मितना ने बताया कि अभी निगम से यहां स्टील और मलबे के सैंपल मांगे हैं। इनका लैब में परीक्षण किया जाएगा।

ये हैं खस्ताहाल 


ईदगाह हिल्स, शाहजहांनाबाद, जेपी नगर, पुतली घर, शांति नगर, इतवारा, बस स्टैंड, दुर्गा नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, जवाहर चौक, शास्त्री नगर, शाहजांनी पार्क, अशोका गार्डन ए-सेक्टर, अहाता कल्लाशाह, अभिरूचि परिसर, पुरानी गल्ला मंडी, पद्मनाभ नगर, ग्यारह सौ क्वार्टर, चार इमली, अरेरा कॉलोनी स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, ई- 6 अरेरा कॉलोनी, महिष्मति कॉम्प्लेक्स, शक्ति नगर पंचवटी, इंद्रपुरी बी सेक्टर, सोनागिरी ए और बी सेक्टर तथा गैस राहत कॉलोनी की उच्चस्तरीय टंकियां तथा मैनिट, बिड़ला मंदिर व ईदगाह हिल्स स्थित भूमिगत टंकियां निगम को जांच में जर्जर मिली हैं। अब मैनिट का सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट इसकी जांच करेगा।

पानी सप्लाई में होगी दिक्कत 


भले ही निगम ने ५ टंकियों को ढहाने का फैसला लिया है, लेकिन इससे शहर की पानी सप्लाई प्रभावित होगी। अभी नई टंकियां पूरी तरह से तैयार नहीं हुई। साथ ही इन टंकियों का निर्माण कर पानी की सप्लाई पूरे दबाव से करना था। लेकिन पुरानी टंकिया तोड़ी गईं तो स्थिति पहले की तरह ही हो जाएगी।

16 जर्जर (इनका अभी विकल्प नहीं है, लिहाजा तोडऩा मुश्किल)
5 बेहद जर्जर (इन्हें अभी तोड़ा जाएगा)
16 टंकियों को रिनोवेशन के बाद काम में लिया जा सकता है
71 अच्छी स्थिति में।

अफसरों पर दर्ज हो नामजद प्रकरण 


हबीबगंज थाने में एक लिखित आवेदन देकर सद्प्रयास संस्था के संयोजक अब्दुल जब्बार ने मांग की है कि टंकी के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी नगर निगम के अफसरों की थी, लेकिन पानी रिसने की शिकायत करने के बाद भी उसके लिए उचित इंतजाम नहीं किए गए। लिहाजा, नगर निगम आयुक्त समेत दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। यदि इन अफसरों ने अपने  काम के प्रति सजगता बरती होती तो इस हादसे को रोका जा सकता था।

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कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो टंकियां जर्जर हैं, उन्हें ढहाया जाएगा। रिनोवेशन के लिए बजट की कमी आड़े नहीं आने देंगे। - 

कृष्णा गौर, 
महापौर


यदि आपका प्लान इस इलाके में जाने का है तो कृपया संभलकर जाएं क्योंकि इस आपरेशन के दौरान यहां भीड़ एवं भगदड़ की भी संभावना है। 

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