भोपाल। सरकारी गलियारों की धूप—छांव देखिए, ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक और संविदा शिक्षक जैसी भर्तियों में जहां जमकर रिश्वतखोरी होती है वहीं संविदा डॉक्टरों की नियुक्ति के मामले में सरकार को उल्टे घुटने टेकने पड़ रहे हैं। पूरे प्रदेश में डॉक्टर्स की कमी चल रही है और एमबीबीएस हैं कि ज्वाइन करने को तैयार ही नहीं। अब सरकार ने उन्हें एक्स्ट्रा अलाउंस का लालच दिया है।
डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए सरकार अब संविदा डॉक्टरों को 7 से 15 हजार रुपए तक अतिरिक्त भत्ता देगी। इसके लिए 50 में से 40 जिलों को हाई फोकस घोषित किया है। यहां संविदा नियुक्ति पर ड्यूटी ज्वाइन करने वाले एमबीबीएस डॉक्टरों को 7 और महिला डॉक्टरों को 9 हजार रुपए अतिरिक्त भत्ता दिया जाएगा। वहीं, एनीस्थिसिया, शिशु रोग और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों को 15 हजार रुपए बतौर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
डॉक्टरों के खाली पदों पर संविदा चिकित्सकों की नियुक्ति कर स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने की योजना तैयार की गई है। इसके तहत हाई फोकस वाले जिलों के अस्पतालों में संविदा नियुक्ति पर काम करने वाले मेडिकल ऑफिसर को 30 हजार रुपए मानदेय के अलावा 7 हजार रुपए अतिरिक्त भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा मेटरनिटी विंग में कार्यरत महिला चिकित्सा अधिकारी को 9 हजार रुपए अतिरिक्त भत्ता मिलेगा। इस योजना के तहत डॉक्टरों की संविदा भर्ती सीएमएचओ करेंगे। इसके लिए सभी जिलों के सीएमएचओ को डॉक्टर्स विहीन और डॉक्टरों के रिक्त पदों की सूची भेज दी गई है।
पीजीएमओ डॉक्टर को 45 और 48 हजार रुपए : स्वास्थ्य संचालनालय के अफसरों ने बताया कि शिशु रोग, एनीस्थिसिया और स्त्री रोग विभाग के डिग्री धारक पीजीएमओ को 48 हजार रुपए मासिक वेतन मिलेगा।
इसी तरह पीजी डिप्लोमा करने वाले डॉक्टरों को 45 हजार रुपए मासिक वेतन मिलेगा। इस वेतन पर डॉक्टरों की नियुक्ति सिर्फ एक साल के लिए होगी।