भोपाल। तुम्हारे किचन का बजट घटा हो या न घटा हो, लेकिन हमारे आंकड़ों में तो घट गई है मंहगाई। यह बहुत मेहनत से घटी है। अब तो रिकार्ड भी बोल रहे हैं। हमारी मेहनत सफल रही, अब थैंक्यू बोलो। शायद कुछ ऐसा ही कहना चाहती है एक सरकारी ताजा रिपोर्ट.
अक्टूबर में सामान्य महंगाई की दर घटकर 7.45 फीसद रह गई है। हालांकि आलू, दाल, चीनी, दूध आदि के थोक मूल्यों में अभी भी बढ़त जारी है। सितंबर में महंगाई की दर 7.81 फीसद पर थी।
ताजा आंकड़ों से थोक मूल्यों की महंगाई के मामले में सरकार को राहत मिली है। वैसे, इसी सोमवार को जारी खुदरा उत्पादों की महंगाई दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। थोक महंगाई में कमी ने ब्याज दरों में नरमी की उद्योग जगत की उम्मीद को फिर से जगा दिया है। आंकड़ों में आलू के दामों में अभी तक बढ़ोतरी जारी है। पिछले साल के मुकाबले इस महीने आलू के दामों में 49 फीसद की वृद्धि हुई है।
वहीं, दालों की कीमतें 20 फीसद बढ़ी हैं। गेहूं 19 फीसद महंगा हुआ है तो चावल के दाम 11 फीसद से ज्यादा बढ़े हैं। थोक बाजार में चीनी 18.71 फीसद महंगी हुई है। यही वजह है कि खुदरा बाजार में खाने-पीने के सामान के दाम कम होते नहीं दिख रहे हैं।
वैसे, आलू को छोड़ बाकी सब्जियों के थोक मूल्यों में कमी आई है। बीते वर्ष के इसी महीने मुकाबले इस वर्ष अक्टूबर में इनकी कीमत 7.45 प्रतिशत कम हुई हैं। सालाना आधार पर प्याज के दाम 8.99 फीसद घटे हैं। मैन्यूफैक्चरिंग उत्पादों में कपड़ा, लोहा, स्टील, रबड़ और प्लास्टिक उत्पादों के दाम थोक बाजार में बढ़े हैं।
जानकारों का कहना है कि महंगाई दर में कमी के बावजूद ब्याज दरों में कमी के आसार नहीं हैं। यह अभी भी सात फीसद के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर है। जब तक यह स्तर नहीं टूटेगा तब तक रिजर्व बैंक के लिए कोई कदम उठाना मुश्किल होगा।