विदिशा। अलग—अलग देश, अलग—अलग वेष, अलग—अलग परंपराएं। विदिशा में भी ऐसी ही एक परंपरा शुरू की जा रही है। दीपावली से पूर्व रात्रि में अपने पूर्वजों को दीपावली पर निमंत्रण देने के लिए दीप जलाए गए।
नरक चौदस के अवसर पर विदिशा के करीब आधा सैंकड़ा लोग मुक्तिधाम पहुंचे और वहां दीप जलाए। इन लोगों का कहना था कि हम यहां अपने पूर्वजों को दीपावली के अवसर पर आमंत्रित करने आए हैं। इसके पीछे उनके अपने तर्क हैं और उनका कहना है कि हम एक नई परंपरा की शुरूआत कर रहे हैं। इन लोगों का यह भी कहना है कि यही परंपरा कालांतर में विदिशा को एक नई पहचान दिलाएगी।