
पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि चपरासी, चौकीदार से तीन गुना कम वेतन व 23 विभाग की 46 योजनाओं, पंच परमेश्वर योजना एवं मनरेगा को गांव-गांव में आम जनता तक पहुंचाने वाला पंचायत सचिव खुद भुखमरी की कगार पर है।
बढ़ती महंगाई में 66 सौ की पगार सचिवों की बड़ी पीड़ा है। पंचायत सचिवों का आर्थिक शोषण अब बर्दाश्त नहीं होगा, हम सरकार के साथ हैं, लेकिन पेट की भूख से समझौता नहीं किया जा सकता है।