भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग ने उन तमाम विद्यार्थियों को फर्जी माना है जिन्होंने आनलाइन फार्म नहीं भरे थे। विभाग ने ऐसे स्टूडेंट्स को परीक्षा के योग्य नहीं माना है। अकेले बीयू में ही ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या 5000 के करीब है।
बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों के करीब पांच हजार छात्र अगले महीने होने वाली यूजी और पीजी कक्षा की फस्र्ट सेमेस्टर (रेग्युलर) की परीक्षा नहीं दे सकेंगे। इसकी वजह उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इन्हें अनुमति देने से इनकार कर देना है।
दरअसल, ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत छात्रों की संख्या में कमी आने से यह गफलत हुई है। हालांकि कॉलेज संचालकों का दावा था कि उनके कॉलेजों में एडमिशन अधिक हुए हैं और विभाग कम संख्या बता रहा है। इस पर यूनिवर्सिटी ने उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर इस समस्या का हल करने को कहा था।
विभाग ने यूनिवर्सिटी से उन छात्रों की परीक्षा लेने से इनकार कर दिया है, जिनका नाम विभाग द्वारा भेजी गई सूची में शामिल नहीं है। विभाग का तर्क है कि ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया में कोई खामी नहीं थी। इस कारण छात्रों की संख्या में अंतर नहीं आ सकता है। रजिस्ट्रार संजय तिवारी का कहना है कि अब केवल उन्हीं छात्रों की परीक्षा ली जाएगी, जिनके नाम विभाग ने भेजे हैं।
गौरतलब है कि इस साल पहली बार विभाग ने कॉलेजों की यूजी और पीजी कक्षा के फस्र्ट सेमेस्टर (रेग्युलर) में एडमिशन ऑनलाइन प्रक्रिया से किए थे। इससे विभाग को कॉलेज के अनुसार छात्रों के नाम और संख्या मिल गई थी। साथ ही विभाग ने प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी को उन्हीं छात्रों की परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिए थे, जिसकी सूची विभाग ने उन्हें सौंपी है। विभाग से मिली छात्रों की संख्या के अनुसार ही यूनिवर्सिटी ने भी कॉलेजों को परीक्षा फॉर्म भेजे।
इसके बाद कॉलेज संचालकों ने दावा किया कि जिस संख्या में उनके कॉलेज में एडमिशन हुए हैं, उस संख्या में फॉर्म नहीं भेजे गए हैं। साथ ही विभाग की सूची को भी गलत बताया। इसकी शिकायत कॉलेज संचालकों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से की, तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने विभाग को पत्र लिखकर मामले का निराकरण करने को कहा था।