भोपाल। आरएसएस ने अपने खिलाफ दिए गए बयान के मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया को क्षमादान दे दिया है। हालांकि भूरिया ने क्षमा याचना नहीं की, फिर भी आरएसएस ने उन्हें क्षमा करते हुए कहा कि इसमें उनका दोष नहीं है, दरअसल भूरिया को ज्ञान ही नहीं है।
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के लिए मुखबिरी करने संबंधी दिए गए बयान की संघ, भाजपा एवं राज्य सरकार के मंत्रियों ने कड़ी आलोचना की है। गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूरिया ने बुधवार को यहां नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री बाबूलाल गौर द्वारा देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बारे में यह कहने पर कि वह मान जाते तो देश का बंटवारा नहीं होता, पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि भाजपा और संघ के लोगों से पूछिए कि आजादी की लड़ाई के समय यह लोग कहां थे।
भाजपा तो थी नहीं, आरएसएस के लोग अंग्रेजों की मुखबिरी करते थे। आरएसएस के नेता दीपक शर्मा ने कहा कि भूरिया को पता ही नहीं है कि वह क्या कह रहे हैं। यदि ऐसा होता, तो स्वतंत्रता दिवस परेड में नेहरू कभी आरएसएस को आमंत्रित नहीं करते। संघ हमेशा से एक देशभक्त संगठन रहा है और हर संकट की घड़ी में उसने आगे बढ़कर देशवासियों की सेवा की है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा ने कहा कि दुर्भाग्य से भूरिया ने कभी आरएसएस को जाना ही नहीं। आरएसएस ही क्या, वह तो कांग्रेस को भी नहीं जानते। उनके इस बयान में उनका कोई दोष नहीं है, क्योंकि यदि वह आरएसएस को जानते तो ऐसा नहीं बोलते। उन्होंने कहा कि आरएसएस तो देश का स्वीकार्य सांस्कृतिक संगठन है।