
छात्र जावेद खान ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग की जल्दबाजी से उनका दाखिला अटका है। उसका कहना था कि उच्च शिक्षा मंत्री से लेकर आयुक्त व प्रमुख सचिव से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जम्मू से आए छात्र रिजवान खान ने बताया कि यदि प्रोविजन एडमिशन के संबंध में कॉलेज सही से जानकारी देते तो शायद उन्हें इस तरह की परेशानी न होती।
उसने बताया कि राज्यपाल से मुलाकात के लिए छात्रों ने समय लिया था, लेकिन पुलिस ने मिलने नहीं दिया। प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष और चित्रांश कॉलेज के संचालक अश्वनी श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात होनी थी, लेकिन पुलिस ने छात्रों की रैली को बीच में रोक दिया।
उच्च शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि आनलाइन प्रक्रिया के तहत एडमिशन नहीं लेने वाले छात्रों को परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। प्रदेश के विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेजों में प्रोविजनल एडमिशन लेने वाले छात्र- छात्राओं की संख्या करीब 25 हजार है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 30 जुलाई को आनलाइन कॉउसलिंग बंद कर दी गई थी, जबकि 12वी में सप्लीमेंटरी देने वाले बच्चों का रिजल्ट मंडल ने 13 अगस्त को घोषित किया था।