भोपाल। टीम शिवराज के सामने एक बार फिर उमा भारती चिंतन का विषय बनकर सामने आ गईं हैं। मध्यप्रदेश भाजपा की पॉलिटिक्स में हाईलेवल का विरोध सहन करने और 'प्रदेशबदर' भोगने के बाद अब वो वापस मध्यप्रदेश में एक्टिव होना चाहतीं हैं। इस संदर्भ में उन्होंने हाईकमान को संकेत भी दे दिए हैं।
पिछले दिनों भोपाल आईं मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा बातों ही बातों में स्पष्ट कर दिया कि वो मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार के नाम पर एक्टिव होंगी। उन्होंने कहा था कि आदेश मिला तो मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार करूंगी, इसके अलावा दिग्विजय सिंह के विरोध के प्रश्न पर भी उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह से लोहा लेना तो जैसे उनका राजनैतिक हक है और वो इससे कतई चूकने वाली नहीं हैं।
दोनों ही बयान उमा भारती के मध्यप्रदेश मोह को प्रदर्शित कर रहे हैं। स्पष्ट कर रहे है कि वो वापस मध्यप्रदेश में एक्टिव होना चाहतीं हैं। शिवराज सरकार के मामले में भी उन्होंने पार्टी और जनता में असंतोष की चिंगारी को प्रोपर हवा देते हुए कहा था कि गुजरात में अब बिना रिश्वत लिए सरकारी काम हो रहे हैं। अर्थ स्पष्ट था कि मध्यप्रदेश की जनता सरकारी आफिसों में चल रही रिश्वतखोरी से परेशान है। उन्होंने यह भी जोड़ा था कि इस बात को वो प्रोपर प्लेटफार्म पर उठाएंगी।
इसके बाद उन्होंने अपने छतरपुर प्रवास के दौरान भी दरदार शक्तिप्रदर्शन की तैयारी की। हालांकि पैर में चोट आ जाने के कारण जो योजनाबद्ध था वो पूरा नहीं हुआ, लेकिन अर्से के बाद उन्होंने छतरपुर में दो सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लिया और यह जता दिया कि अब वो वापस एक्टिव होने जा रहीं हैं।
उमा भारती के फेवर में उनके मीडिया मैनेजर्स भी एक्टिव हो गए हैं एवं गाहे ब गाहे आने वाले दिनों में आपको उमा भारती की चर्चा अखबारों में मिलती ही रहेगी।