बायकॉट शिवराज :रघुनंदन भी आए प्रभात के साथ, उमा का बेस तैयार

भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा में इन दिनों बायकॉट शिवराज सिंह अभियान चल रहा है। इस अभियान में कई ऐसे नेता भी शामिल हैं जो मूलत: संघ से जुड़े हुए हैं। किसान नेता शिव शर्मा भी इस अभियान के अंग थे और बेवजह विदाई के बाद प्रभात ने भी इस आंदोलन की ओर कदम बढ़ा दिए थे। अब भाजपा के चिरपरिचित स्पष्टवादी नेता रघुनंदन शर्मा ने भी प्रभात का मधुर समर्थन कर दिया है। 


इंडिया न्यूज पर प्रसारित हुए एक कार्यक्रम 'नजरिया' में भाजपा नेता रघुनंदन शर्मा एवं पॉलिटिकल एडीटर राकेश अग्निहोत्री के बीच बातचीत के दौरान श्री शर्मा ने कहा कि उस दिन भरे मंच पर प्रभात झा ने जो कुछ भी कहा वो सोचसमझकर कहा होगा और निश्चित रूप से संगठन के हित में होगा। सनद रहे कि श्री झा ने उस दिन बड़े ही सधे हुए शब्दों में शिवराज सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने अपनी पूरी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा था कि उनका परिवर्तन पोखरण विस्फोट जैसा है। किसी को पता ही नहीं चला। 

इंडिया न्यूज पर प्रसारित हुए कार्यक्रम 'नजरिया' में भाजपा नेता रघुनंदन शर्मा के शब्दों को हम यथावत प्रस्तुत कर रहे हैं। पढ़िए क्या कुछ कहा रघुनंदन जी ने:- 

उस दिन प्रभात झा ने जो भी कहा कुछ सोचकर ही कहा होगा। प्रभात भी संगठन के हित में काम करते रहे हैं और उनके बयानों के पीछे भी संगठन का हित होगा। उनके बयान में पार्टी के विरुद्ध कोई बात नहीं की गई थी अत: अनुशासनहीनता का प्रकरण नहीं बनता। 

प्रभात झा ने नरेन्द्र तोमर पर कटाक्ष नहीं किए, लेकिन उनकी विशेषताएं कार्यकर्ताओं को बताईं। यह परंपरा है और यह होना कोई बुरी बात नहीं। 

प्रभात जी की अपनी कार्यशैली है। जब वो अध्यक्ष थे तब भी उनकी मीडिया बेस थी, मैं यह मानता हूं कि संगठन के अध्यक्ष की कार्यशैली संगठनबेस होना चाहिए। यदि उन्होंने पार्टी का वाहन त्याग दिया तो उसे बताने की कोई जरूरत नहीं थी। 

कहा तो यह भी जा सकता है कि नरेन्द्र तोमर को केन्द्र से वापस प्रदेश में धकेल दिया गया। डिमोशन हुआ है। 


शिवराज सिंह के विषय में 

शिवराज अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने विकास के काम भी किए और पार्टी की विचारधारा को लोगों तक पहुंचाने का भी अच्छा प्रयास किया है। फिलहाल शिवराज सिंह का विकल्प खोजने की जरूरत नहीं है। जब जरूरत होगी तो विकल्प खोल लिए जाएंगे। हमारे यहां परंपरा है कि व्यक्ति अपना विकल्प खुद तैयार करके जाता है। 

शिवराज युवा, उत्साही, विचारधारा पर काम करने वाला, विचारधारा को ध्यान में रखकर विकास का काम करने वाला नेता है। वो सबको साथ लेकर चलते हैं। पिछले 25 साल से शिवराज वही सीधा, सपाट और निष्कपट नौजवान है। पहले किसान का बेटा होकर पार्टी का विचार लोगों तक पहुंचाता था, अब सरकार के माध्यम से पहुंचा रहा है। 

उमा भारती के विषय में 

संगठन के लिए हर व्यक्ति महत्वपूर्ण होता है। यदि कोई जुड़ता है तो लाभ ही होता है। उमा भारती का भी संगठन को लाभ ही होगा। शिवराज और उमा के बीच कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं है। कुछ राजनैतिक मतभेद पैदा हुए थे, लेकिन वो समाप्त हो गए। शिवराज और उमा भारती के बीच तुलना किया जाना ठीक नहीं है। दोनों अलग अलग तरह से उपयोगी है। 

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