भोपाल। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ की जबलपुर इकाई ने मांग उठाई है कि राज्य शासन के अधीन विभागों के कर्मचारियों को उनके वेतन का भुगतान महीने की पहली तारीख को किया जाए। सनद रहे कि यह बहुत पुरानी सरकारी परंपरा है तो पिछले एक दशक से बंद हो गई है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जबलपुर का कहना है कि जिले के सभी अधिकारी व कर्मचारी, शिक्षक, अध्यापक, संविदा शिक्षक, गुरुजी व अतिथि शिक्षकों का वेतन 1 जनवरी को प्रदान करना सुनिश्चित किया जाए। इससे नववर्ष पर सभी कर्मियों का वेतन उन्हें समय पर प्राप्त हो सकेगा। विभाग प्रमुख व आहरण संवितरण अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि वे अधीनस्थ अधिकार व कर्मचारियों का वेतन भुगतान निश्चित करने के बाद ही इन आहरण संवितरण अधिकारियों का भुगतान करें। संघ के योगेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, मनोहर शर्मा, रामशंकर शुक्ला, सुनील गुप्ता, संदीप गुप्ता, मुकेश धनगर एवं सुभाष गुप्ता आदि ने कलेक्टर से इस ओर ध्यान देने की मांग की है ।
अध्यापकों की मांगें पूरी हों-
प्रदेश के 4 लाख अध्यापक,संविदा शिक्षक, गुरुजी आदि तीन वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। इसके बावजूद शासन द्वारा उनकी समस्याओं को दूर करने कोई सार्थक पहल नहीं कर रही है। यह कहना है मप्र शिक्षक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पं. विश्वनाथ पटैरिया का, जिन्होंने ध्यान देने की मांग की है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों से मतदाता सूची, जनगणना, आर्थिक गणना आदि कार्य भी कराए जाते हैं। कांग्रेस के इंद्रपुरी गोस्वामी, हरिप्रसन्न त्रिपाठी, रामशंकर, कैलाश अठ्या, डीके श्रीवास्तव मौजूद थे।
प्रमुख अभियंता पर हो कार्रवाई- मध्य प्रदेश शासकीय दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ का आरोप है कि जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता द्वारा नियमितिकरण एवं निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इसी के चलते अनेक कर्मी नियमितिकरण से वंचित हो रहे हैं और उनमें आक्रोश व्याप्त है। संघ के नरेन्द्र गिरि, रामसजीवन, अनिल राय, ज्ञानेन्द्र सिंह, सत्येन्द्र सिंह, आरके शर्मा ने कार्रवाई की मांग की है।