भोपाल। सांईबाबा टंकी हादसे में नगर निगम के अधिकारियों को क्लीन चिट दिए जाने के बाद उठे विवाद से बचने के लिए सरकार ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे परंतु यह पूरी की पूरी जांच प्रक्रिया ही मैनेज हो गई। मजिस्ट्रियल जांच के लिए बयान दर्ज कराने की अंतिम समय सीमा मंगलवार शाम पांच बजे समाप्त हो गई, लेकिन एक भी व्यक्ति ने बयान दर्ज नहीं कराए। अब मजिस्ट्रेट सांईनगर में ही कंप लगाकर बयान मांगेगें।
18-19 नवंबर की मध्यरात्रि को सार्इंबाबा नगर में पानी की टंकी ढहने से आठ लोगों की मौत हो गई थी। कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने इस हादसे की मजिस्ट्रियल जांच की जिम्मेदारी अपर कलेक्टर बसंत कुर्रे को सौंपी थी। श्री कुर्रे ने 24 नंवबर को आम लोगों के लिए सूचना जारी की थी कि टंकी हादसे से संबंधित कोई भी जानकारी या बयान दर्ज करवा सकता है।
इसके लिए 26 नवंबर से 11 दिसंबर तक की सीमा तय की गई। अपर कलेक्टर श्री कुर्रे ने बताया कि आम सूचना के बाद भी अंतिम दिन तक कोई भी व्यक्ति टंकी हादसे के संबंध में बयान दर्ज कराने नहीं आया।
साईबाबा नगर जाएगा जांच दल : अपर कलेक्टर कुर्रे ने बताया कि, मंगलवार शाम तक एक भी व्यक्ति के बयान दर्ज करवाने या किसी अन्य प्रकार की जानकारी देने के लिए नहीं आया। ऐसे में हादसे की जांच करने के लिए अब साईबाबा नगर जाकर पीड़ितों के अलावा आस पास के रहवासियों के बयान लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि, जांच रिपोर्ट दिसबंर अंत तक पूरा करने की कोशिश की जाएगी।