भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इन्दौर में मेट्रो ट्रेन की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया गया। मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए आज कंपनियों ने 6 महीने से ज्यादा वक्त की मांग की है। सनद रहे कि राज्य और केन्द्र के बीच सामन्जस्य न बन पाने के कारण प्रोजेक्ट का काम रुक गया था।
बुधवार को करीब दस कंपनियों ने डीपीआर तैयार करने के लिए रूचि दिखाई। कंपनियों के प्रतिनिधि नगरीय प्रशासन संचालनालय द्वारा आयोजित प्री बिड मीटिंग में हिस्सा ले रहे थे। इसमें कंपनियों ने डीपीआर बनाने के लिए छह महीने से ज्यादा के वक्त की मांग की।
कंपनी के प्रतिनिधियों के मुताबिक डीपीआर बनाने में आठ से नौ महीने का वक्त लगेगा। नगरीय प्रशासन संचालनालय के ओएसडी ट्रांसपोर्ट कमल नागर ने बताया कि कंपनियों की मांग पर विचार करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा डीपीआर बनाने की लागत में 50 फीसदी अंशदान देने की सहमति के बाद राज्य शासन डेढ़ साल पहले दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) से भोपाल में मेट्रो के लिए प्री फिजिबिलिटी सर्वे कराया था। इसमें शहर में करीब 30 किमी लंबे तीन रूटों पर मेट्रो की जरूरत बताई गई थी।
पिछले साल नवंबर में डीएमआरसी के एमडी मंगू सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर डीपीआर बनाने पर सहमति जताई थी, लेकिन बाद में वित्त विभाग की आपत्ति के बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने ग्लोबल टेंडर निकालने का फैसला लिया। केंद्र सरकार ने हाल ही में इसकी सहमति देकर अपना अंशदान देने का रास्ता साफ कर दिया।