भोपाल। बहुचर्चित बरेली गोलीकांड जिसके बाद किसान नेता शिवकुमार को किसान संघ से बेदखल कर दिया गया था एवं भाजपा की राजनीति में भी बड़ा भूचाल आ गया था, के मामले में कलेक्टर, एसपी आयोग के सामने उपस्थित तो हुए लेकिन जबाव दाखिल नहीं किया।
इस मालले में रायसेन के कलेक्टर मोहनलाल मीणा और तत्कालीन एसपी आईपी कुलश्रेष्ठ समेत अन्य अधिकारी मानव अधिकार आयोग में पेश हुए। कलेक्टर और एसपी ने आयोग से कहा कि मंडी चुनाव और विकलांगों की मीट के कारण वे जवाब तैयार नहीं कर पाए हैं, इसलिए समय दिया जाए। आयोग ने अगली तारीख 18 जनवरी तय करते हुए कहा कि इसके लिए आयोग की तरफ से कोई नोटिस नहीं भेजा जाएगा, इसलिए वे स्वयं उपस्थित हो जाएं।
सुबह ११ बजे सुनवाई शुरू होते समय कुलश्रेष्ठ उपस्थित नहीं थे। कार्यवाहक अध्यक्ष आर्येन्द्र कुमार सक्सेना ने कहा कि इसे कार्यवाही विवरण में शामिल किया जाए। तभी कुलश्रेष्ठ दाखिल हुए। उन्होंने अपनी आमद दी तो सक्सेना ने पूछ लिया कि जवाब लाए हैं क्या? रायसेन कलेक्टर व कुलश्रेष्ठ ने यह कहकर समय मांग लिया कि मंडी चुनाव और विकलांगों की मीट के चलते वे जवाब तैयार नहीं कर पाए हैं। कुलश्रेष्ठ ने कहा कि वे 8 जनवरी तक अवकाश पर हैं, इसके बाद की तिथि दी जाए। खंडपीठ में सक्सेना के अलावा आयोग के सदस्य वीरेंद्र मोहन कंवर थे।