केन्द्रीय कर्मचारी हड़ताल पर, रैली निकाली, डाक व आयकर सेवाएं ठप

भोपाल। केन्द्र सरकार के कर्मचारी एक दिन की हड़ताल पर हैं. उनकी रैली मैदामिल से शुरू हुई। कर्मचारी सातवें वेतन आयोग का गठन जल्द करवाने की मांग कर रहे हैं. कर्मचारियों की हड़ताल के कारण केन्द्र सरकार द्वारा संचालित ज़्यादातर सरकारी दफ्तर बंद हैं. सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल के कारण आम लोगों को भारी परेशानी हो सकती है.

एक जानकारी के मुताबिक रेलवे और सुरक्षा से जुड़े कर्मचारियों को छोड़कर देश के सभी केंद्रीय कार्यालयों में बुधवार को कामकाज ठप्प है. सरकारी कर्मचारी सातवें वेतन आयोग के गठन के अलावा 15  सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. कर्मचारियों की मांग है कि पीएफआरडीए बिल को वापस लेने और आउटसोर्सिंग की जगह स्थाई कर्मचारियों की भर्ती जैसे मुद्दे को लेकर कर्मचारी केंद्र सरकार को नोटिस थमा चुके हैं.

पेंशन में एफडीआई का विरोध

केंद्रीय कर्मचारी संघ कर्मचारी पेंशन विधेयक और पेंशन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की इजाज़त दिए जाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ भी विरोध कर रहा है.  केंद्रीय कर्मचारी एवं कामगार संघ ने कहा कि देश भर के कर्मचारियों में सरकार के ताजा कदम के प्रति रोष व्याप्त है.

गौरतलब है कि सरकार संसद के वर्तमान सत्र में पेंशन कोष विनियामक विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) विधेयक पेश करने जा रही है.

लोगों को होगी दिक्कत 
हड़ताल में देशभर के आयकर विभाग और सिविल डिपार्टमेंट के कर्मचारी के जुड़ने से आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

कंफेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लॉयी एंड वर्कर्स के आयोजक सचिव अशोक कन्नौजिया ने कहा कि पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई एक बैठक में इस हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया. उन्होंने बताया कि जैसे ही वेतन में डीए का हिस्सा 50 फीसदी से अधिक होता है, अगले वेतन आयोग का गठन हो जाता है. यही वजह है कि कर्मचारी सातवें वेतन आयोग के गठन की मांग उठाने लगे हैं.

कन्नौजिया के अनुसार इस बार 72 फीसदी डीए हो गया है लेकिन अभी तक वेतन आयोग का गठन नहीं हुआ है. ऐसे में कर्मचारी मजबूर होकर 12 दिसंबर को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर जाएंगे.

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