शासकीय कार्य में कोई एक्सक्यूज नहीं चलेगा: कमिश्नर

भोपाल | कमिश्नर भोपाल संभाग प्रवीण गर्ग ने कहा कि किसी भी जिम्मेदारी को सही अंजाम तक पहुंचाने के लिए सुनियोजित, सुविचारित और सुव्यवस्थित योजना बनाकर कार्य करना ज्यादा कारगर होता है। उन्होंने इस आशय के निर्देश कलेक्टर्स एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को यहां आयुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित संभागस्तरीय बैठक में दिए।

उन्होंने कहा कि सब आर्डिनेट को ठीक तरह, समय रहते उचित निर्देश दिए जाना चाहिए जिससे सजगता बनी रहे। उन्होंने कहा कि शासकीय कार्य में एक्सक्यूज का कहीं कोई स्थान नहीं होता।

बैठक में वासस्थान दखलकार अधिनियम, राजस्व प्रकरणों के निराकरण, परिसम्पत्तियों का राजस्व रिकार्ड में इन्द्राज, फसल कटाई प्रयोग, विधि अधिकारी की नियुक्ति, सरकारी भूमि पर मुनारों की स्थिति, भू-अर्जन मामलों में अवार्ड और राजस्व न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण आदि की व्यापक समीक्षा की गई। बैठक में कलेक्टर भोपाल श्री निकुंज कुमार श्रीवास्तव और कलेक्टर राजगढ़ श्री एम.बी.ओझा सहित अन्य जिलों के अधिकारी मौजूद थे।


सात दिन में कार्य पूरा किया जाय


बैठक में वास स्थान दखलकार अधिनियम के क्रियान्वयन पर कमिश्नर ने अधिकारियों से जिलेवार चर्चा की। कतिपय जिलों में कार्य की धीमी गति को लेकर कमिश्नर कुछ नाखुश नजर आए। उन्होंने साफ लफ्जों में कहा कि अभी तक किस बात का इंतजार किया जा रहा था। कमिश्नर ने इसमें सात दिन की समय सीमा मुकर्रर करते हुए कहा कि सभी कार्य इकतीस दिसम्बर तक हर सूरत में पूरा कर लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें बाद की स्थिति निर्मित नहीं होना ज्यादा बेहतर होगा।

निराकरण में तेजी के निर्देश


राजस्व मामलों के निराकरण की समीक्षा के दौरा कमिश्नर श्री प्रवीण गर्ग ने कहा कि निराकरण "हॉ या न" में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुराने मामलों के निराकरण को तो प्राथमिकता दी ही जाना चाहिए पर जरूरी यह भी है कि नए मामले भी तेज गति से निराकृत किए जाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी राजस्व मामले के निराकरण में देरी को उचित नहीं माना जायेगा। कमिश्नर ने कहा कि अगली बैठक तक स्थिति बदल जाना   चाहिए। 

अवार्ड की राशि का वितरण तत्परता से


कमिश्नर ने भू-अर्जन के प्रकरणों की जिलेवार समीक्षा की। कुछ अधिकारियों द्वारा बताया गया कि मामले अदालती कार्यवाही में लंबित होने के चलते अवार्ड की राशि वितरित करने में कठिनाई आ रही है। कमिश्नर इस जवाब से ज्यादा संतुष्ट नजर नहीं आए। उन्होंने साफ कहा कि सभी मामले अदालती कार्यवाही में नहीं फंसे हो सकते। जिन भी मामलों में विवाद की स्थिति नहीं है उनमें अवार्ड की राशि तुरंत वितरित की जाना चाहिए। उन्होंने खासकर नेशनल हाइवे के मामलों में तत्परता बरतने की ताकीद की।
कठिन स्थिति पैदा होगी।

राजस्व न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण की स्थिति पर कमिश्नर खासे नाराज हुए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का कार्य काफी पहले पूरा हो चुका है फिर देरी के क्या कारण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब इस कार्य में विलंब कठिन स्थिति पैदा कर देगा।

शासकीय भूमि पर मुनारे स्थापित करने और परिसम्पत्तियों को राजस्व रिकार्ड में दर्ज के मसले पर कमिश्नर ने कहा कि ये दोनों ही कार्य बहुत अहम हैं। प्रविष्टियों के मामले में कमिश्नर श्री प्रवीण गर्ग ने कहा कि परिसम्पत्तियां दर्ज करने की प्रक्रिया के पूर्व वास्तविक स्थिति जानना अत्यंत जरूरी है। इसी तरह मुनारे स्थापित करने पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि एक व्यवस्थित आंकलन के द्वारा यह ज्ञात कर लिया जाये कि इस पर कितना खर्च आ सकता है तदनुसार प्रस्ताव भेज दिए जायें।

विभागीय जांच के मामलों पर उन्होंने जिलेवार चर्चा कर अधिकारियों से कहा कि मामलों की जांच तय समय सीमा में पूरी कर ली जाना चाहिए। इसी तरह जनवाणी के तहत प्राप्त आवेदनों का शीघ्र निराकरण के निर्देश देते हुए कमिश्नर ने यह खास ताकीद की कि निराकरण वास्तविक होना चाहिए। केवल पत्राचार को निराकरण नहीं माना जायेगा।

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