छात्रवृत्ति मंजूरी में देरी करने वाले प्रंसीपल को नोटिस

भोपाल। बालाघाट में छात्रवृत्ति की मंजूरी में देरी करने वाले स्कूल के प्रंसीपल के नाम कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने 62 छात्रों के प्ररकण गलत भेजें एवं समय पर संशोधन नहीं किया जिससे छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई।

शालाओं में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्ति की स्वीकृति में लापरवाही बरतने एवं छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति के लाभ से वंचित करने पर कलेक्टर विवेक कुमार पोरवाल ने शासकीय कन्या उच्चतर मा. विद्यालय रामपायली के प्राचार्य एवं शासकीय माध्यमिक शाला कारंजा के प्रधान पाठक श्री आई.एस. बनोटे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि क्यों न उनके विरूध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये।

सहायक आयुक्त आदिवासी विकास आनंद मिश्रा ने बताया कि कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला रामपायली के प्राचार्य को छात्रवृत्ति स्वीकृती के प्रस्ताव प्राप्त करने के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया था। इनके द्वारा अपने क्षेत्र की अशासकीय संस्था भारती हाई स्कूल रामपायली के अनुसूचित जनजाति वर्ग के 4 छात्र-छात्राओं के छात्रवत्ति के देयक 9 नवम्बर 2012 को प्रस्तुत कर छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति के लाभ से वंचित कर दिया गया है। इस पर कन्या उच्च्तर मा.शा. रामपायली के प्राचार्य को स्पष्टीकरण देने कहा गया है। यदि अशासकीय संस्था भारती हाई स्कूल द्वारा विलंब से छात्रवृत्ति के प्रस्ताव पेश किये गये हों तो ऐसी स्थिति में उस संस्था की मान्यता समाप्त करने का प्रस्ताव शीघ्र जिला कार्यालय भेजने कहा गया है।

शासकीय माध्यमिक शाला कारंजा के प्रधान पाठक श्री आई.एस. बनोटे द्वारा अपनी शाला के अनुसूचित जनजाति वर्ग के 62 छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति के प्रकरण त्रुटिपूर्ण तैयार किये गये थे। प्रधानपाठक को छात्रवृत्ति स्वीकृति के देयक सुधार कर शीघ्र प्रस्तुत करने कहा गया था लेकिन प्रधान पाठक द्वारा अत्यंत विलंब से 30 नवम्बर 2012 को छात्रवृत्ति स्वीकृति के देयक जमा किये गये है। प्रधान पाठक श्री बनोटे की इस लापरवाही से शाला के 62 छात्र-छात्राओं को 15 हजार 800 रु. की छात्रवृत्ति के लाभ से वंचित होना पड़ा है।

प्रधानपाठक श्री बनोटे द्वारा बतरी गई इस लापरवाही के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि क्यों न उनकी दो वेतन वृध्दि रोक दी जाये और अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत उनके विरूध्द पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया जाये। प्रधानपाठक श्री बनोटे को तीन दिनों के भीतर अपना जवाब पेश करने कहा गया है।

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