यूपी में एक नदी को ही बांध दिया एमपी के रेत माफिया ने

भोपाल। मध्यप्रदेश के रेत माफिया किस हद तक जाकर कारोबार कर रहे हैं और उनके हौंसले कितने बुलंद हैं, आईपीएस नरेन्द्र कुमार की हत्या के बाद उसकी एक और बानगी पेश कर रही है उत्तरप्रदेश के बांदा जिले के अतर्रा संवाददाता द्वारा भेजी गई यह रिपोर्ट। उसने साफ बताया है कि एमपी के माफिया यूपी में न केवल रेत उत्खनन कर रहा है, बल्कि उसने पूरी नदी को ही बांध दिया।


इस मामले की विस्तृत जानकारी के लिए पढ़िए दैनिक जागरण के अतर्रा संवाददाता की यह रिपोर्ट:—

बालू के अवैध खनन को लेकर हद हो गई। मध्यप्रदेश के ठेकेदार नदी की जलधारा रोक कर उत्तर प्रदेश के घाट से बालू का खनन कर रहे हैं। इसके लिए बाकायदा नदी में अवैध पुल भी तैयार किया गया है। पर्यावरण के साथ खनिज विभाग को भारी नुकसान पहुंच रहा है। पट्टाधारक व ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को फैक्स भेजकर कार्रवाई की मांग की है।

पर्यावरण विभाग के कड़े आदेशों के चलते नरैनी तहसील क्षेत्र के केन नदी भू भाग पर ठेकेदार द्वारा खनन कई महीनों से बंद है। जिसका फायदा मध्यप्रदेश के ठेकेदार उठा रहे हैं। वहां के ठेकेदार केन नदी किनारे भू-भाग का खनन पट्टा लिये हैं। घाट में बालू नाममात्र की होने से मध्यप्रदेश के ठेकेदारों ने केन नदी की धारा रोक कर अवैध पुल बना डाला है। जिसमें धड़ल्ले से उ.प्र. की बालू ढोयी जा रही है। अवैध पुल से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक बालू पोकलैंड मशीनों से भरे जा रहे हैं। अवैध खनन से जहां ठेकेदारों की जेबें गरम हो रही हैं। 

वहीं उ.प्र. के राजस्व को भारी क्षति पहुंच रही है। स्थानीय प्रशासन के ध्यान न देने से यह अवैध खेल काफी समय से फल-फूल रहा है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को फैक्स भेजकर अवगत कराते हुए अवैध खनन के विरुद्ध कड़े कदम उठाने की मांग की है। वहीं नरैनी क्षेत्र के कोलावल रामपुर भू-भाग के खनन पट्टाधारक चंद्रभान मिश्र ने पर्यावरण विभाग से एनओसी न मिलने से खनन बंद किये हैं। पट्टाधारक ने भी मुख्यमंत्री से मांग उठाई है कि मध्यप्रदेश के ठेकेदारों द्वारा किये जा रहे कार्यो में रोक लगाई जाये। जिससे प्रदेश के राजस्व को नुकसान न हो।

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