मध्यप्रदेश से IAS अफसरों का पलायन

भोपाल। मध्यप्रदेश से इन दिनों IAS अफसरों का पलायन चल रहा है। अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर केन्द्र में जाना चाहते हैं। इन अधिकारियों में कुछ नाम वो भी हैं जो शिवराज टीम के प्रमुख चुनिंदा अधिकारियों में गिने जाते थे। प्रदेश टुडे के पत्रकार दीपेश अवस्थी ने अपने ब्लॉग में इस मामले को प्रमुखता से उठाया है। 

उनकी रिपोर्ट को हम यथावत प्रकाशित कर रहे हैं, देखिए क्या कुछ लिखा है दीपेश जी ने:-

मध्यप्रदेश छोड़ने के इच्छुक आईएएस अफसरों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। हालांकि राज्य सरकार इन अफसरों को छोड़ने के मूड में नहीं है, लेकिन अफसरों के लगातार आग्रह के बाद लगता है कि सरकार इन्हें ज्यादा दिन रोक पाएगी। मालूम हो अभी सरकार के सरकार के पास आठ आईएएस अफसरों के आवेदन लंबित हैं।

सख्त मिजाजा और तेज तर्रार आईएएस अफसरों में शुमार शैलेन्द्र सिंह कल ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर उन्हें अपनी भावनाओं से अवगत करा चुके हैं। मालूम हो अब केन्द्र सरकार में सेवाएं देना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आवेदन दिया है। हालांकि सरकार चाहती है कि वे प्रदेश में ही सेवाएं देते रहें। 

हाल ही में स्वास्थ्य विभाग के संचालक बनाए गए संजय गोयल ने भी पांच वर्ष के लिए केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की इच्छा जताई है। सरकार के पसंदीदा अफसरों में शुमार गोयल के इस निर्णय से आला अफसर भी आश्चर्य चकित हैं कि वे केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर क्यों जाना चाहते हैं, क्योंकि भारी विरोध के बावजूद इन्हें स्वास्थ्य विभाग की कमान सौंपी गई थी। 

ज्ञानेश्वर पाटिल और सोनाली वायंगणकर महाराष्ट्र राज्य में सेवाएं देना चाहते हैं। इसके लिए आवेदन किए हुए इन्हें लम्बा समय हो चुका है। के वासुकी, आइरिन सिंथिया भी अब मध्यप्रदेश में सेवाएं देने के मूड में नहीं है।

इन्हें मिली अनुमति


मुधरानी तेवतिया एक मात्र आईएएस अफसर हैं जिन्हें राज्य सरकार ने प्रदेश छोड़ने की अनुमति दी है। ये कॉडर परिवर्तन करवाना चाहती हैं। राज्य सरकार ने अपनी अनुशंसा के साथ केन्द्र सरकार को इनका आवेदन भेज दिया है। अब यह मामला केन्द्र सरकार में लंबित है।

ई रमेश कुमार का मूड बदला


सागर कलेक्टर ई रमेश कुमार भी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना चाहते थे। केन्द्रीय कार्मिम मंत्रालय ने इनकी प्रतिनियुक्ति के आदेश जारी कर दिए, लेकिन राज्य सरकार ने इनको कार्यमुक्त नहीं किया। बताया जा रहा है कि अब वे प्रदेश नहीं छोड़ना चाहते, उनके आग्रह पर ही राज्य सरकार ने कार्यमुक्त नहीं किया।

बिना काम के अफसर


राज्य सरकार के एक वरिष्ठ आईएएस अफसर ऐसे भी हैं जो लम्बे समय से बिना काम के हैं। 5 जुलाई को राज्य सरकार ने इन्हें आनन फानन में सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव पद से हटा दिया। इसके बाद से इन्हें किसी भी विभाग की जिम्मेदारी नहीं मिली है। चर्चा है कि लम्बे समय से बिना के काम अफसर सामंतराय भी अब प्रदेश छोड़ने की तैयारी में हैं।

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