अध्यापक मोर्चा: मध्यप्रदेश के 30 से ज्यादा जिलाध्यक्ष संयुक्तमोर्चा के खिलाफ

भोपाल। अध्यापकों की आंतरिक राजनीति अब गर्माने लगी है। मध्यप्रदेश के 50 में से 30 जिलाध्यक्ष संयुक्तमोर्चा से असंतुष्ट हैं और संगठन को भंग करके नई इकाई बनाने के पक्षधर हैं, लेकिन अभी तक मध्यप्रदेश स्तर पर कोई नया नेता उभरकर सामने नहीं आया है। 

महाकुंभ में संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों की सरकार के प्रति चापलूसी से नाराज प्रदेश भर के गुरूजी, संविदा शिक्षक एवं अध्यापक नाराज चल रहे हैं। निश्चित रूप से नाराजगी का प्रतिशत बहुत ज्यादा है और वर्तमान संगठनों में भी ज्यादातर जिलाध्यक्ष अब अपने नेताओं के साथ चलना नहीं चाहते, लेकिन दूसरा कोई मजबूत विकल्प न होने के कारण अभी तक बगावत की घोषणा जिलाध्यक्षों की ओर से नहीं की गई है। 

जिलाध्यक्षों के अलावा अन्य कई पदाधिकारियों ने कई सारे नए रास्ते खोल लिए हैं। इधर जबलपुर संभाग में एक नए संगठन के उदय की तैयारी चल रही है तो उधर ग्वालियर संभाग में भी बगावत के बाद नए संगठन के निर्माण की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है, परंतु पूरा मध्यप्रदेश फिलहाल किसी एक मंच पर आता दिखाई नहीं दे रहा है। 

मौजूदा संगठनों को भंग करने या नेताओं को बदलने के लिए जिलाध्यक्षों का एकजुट होना बहुत जरूरी है। भोपालसमाचार.कॉम के पास मौजूद जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के तीस से ज्यादा जिलाध्यक्ष इसके लिए तैयार भी हैं परंतु वे चाहते हैं कि केवल प्रदेश स्तरीय नेताओं को बदला जाए, उनकी जिलाध्यक्षी यूं ही कायम रहे। 

बस इसी मुद्दे पर सहमति न हो पाने के कारण जिलाध्यक्ष फिलहाल वेट एंड वॉच की स्थिति में आ गए हैं। विरोध जबर्दस्त है परंतु विकल्प फिलहाल कोई सामने नहीं आया है। मध्यप्रदेश के अध्यापकों को भी एक नए अन्ना की तलाश है, यदि वो जंतरमंतर पर आ गया तो निश्चित रूप से भीड़ लग जाएगी परंतु अध्यापकों के नए अन्ना होंगे कौन फिलहाल यह रहस्य ही बना हुआ है। 

इस मामले में आपके विचार समर्थन या खंडन सादर आमंत्रित हैं। कृपया नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का उपयोग करें एवं भोपालसमाचार.कॉम में प्रकाशन हेतु समाचार कृपया इस मेल एड्रेस पर भेजें


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