भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात में सागर जिला अस्पताल के जेल वार्ड में दलित कैदी रूपेश वाल्मिकी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की पार्टी के स्तर पर जांच कराने का निर्णय लिया है।
श्री भूरिया ने घटना की जांच के लिए सांची के कांग्रेस विधायक डा. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष डा. सुरेन्द्र चैधरी तथा प्रदेश कांग्रेस की महामंत्री श्रीमती मनीषा दुबे की त्रिसदस्यीय जांच समिति गठित की है। समिति को तत्काल सागर पहुंचकर घटना की जांच करने और पीसीसी को तीन दिन में अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी एवं प्रवक्ता प्रमोद गुगालिया ने बताया है कि मृत रूपेश वाल्मिकी के परिजनों का आरोप है कि गिरफ्तारी के बाद गोपालगंज थाने में रूपेश को 12 घंटे रखे जाने के दौरान पुलिस द्वारा की गई पिटाई के चलते उसकी अस्पताल के जेल वार्ड में मौत हुई है। इस प्रसंग में जिला अस्पताल के एक सफाईकर्मी अमर वाल्मिकी का कथन भी विचारणीय है। सफाईकर्मी ने बताया है कि सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात में करीब ढ़ाई बजे मारपीट के चलते जेल वार्ड से रूपेश के चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं और सुबह वह अपने पलंग पर मृत पाया गया।
आपने कहा है कि यह भी उल्लेखनीय है कि मृतक रूपेश की जेल से रिहाई के लिए न्यायालय के आदेश सोमवार को हो चुके थे, जिनके आधार पर उसको सोमवार को ही रिहा कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा न किया जाकर उसको सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात में जिला अस्पताल के जेल वार्ड में रखा गया। मृतक रूपेश के भाई और चाचा ने गोपालगंज थाने के प्रधान आरक्षक रामपाल पर रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया है। इन्हीं तथ्यों के आधार पर कांगे्रस को दलित कैदी की मौत संदिग्ध लगती है।