भोपाल। राजधानी में सीएम की अध्यापक पंचायत से पहले वित्तमंत्री राघवजी भाई ने एक जबर्दस्त आग लगाने वाला बयान दे डाला। उन्होंने कहा कि शिक्षाकर्मी, संविदा शिक्षक और अध्यापक सरकारी कर्मचारी नहीं हैं और उन्हें सरकारी कर्मचारियों के समान सुविधाएं नहीं दी जा सकतीं।
राघवजी ने आज पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अध्यापक या संविदा शिक्षक हमेशा अपने से ज्यादा पाने वाले सरकारी कर्मचारियों की तरफ क्यों देखते हैं, जबकि वो सरकारी कर्मचारी हैं ही नहीं। उन्हें अपने से कम वेतन पर ज्यादा काम करने वाले प्राइवेट स्कूल के टीचर्स को भी देखना चाहिए। वो भी तो 3000 रुपए महीने वेतन पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि संविदा शिक्षक या अध्यापक मध्यप्रदेश शासन के कर्मचारी नहीं हैं और सरकारी खजाने से उन्हें वो सबकुछ नहीं दिया जा सकता तो सरकार अपने कर्मचारियों को देती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ठेकेदार और कर्मचारी में अंतर होता है और यह अध्यापकों को समझना चाहिए।