इंतहा इंतजार की: गांववाले निकल पड़े औजार हथियार लेकर

भोपाल। बैतूल के आठनेर इलाके में किसान सरकारी योजना के तहत आने वाली नहर का इंतजार करते करते इतना थक गए कि खुद ही निकल पड़े नहर बनाने। यह इंतजार की इंतहा का उदाहरण है, कभी कभी पॉजिटिव दिखाई देता है, लेकिन अक्सर यह आंदोलन और हमलों में भी कन्वर्ट होता है। सीएम शिवराज सिंह ने इसका शिलान्यास 2007 में किया था।


देहगुड़ के किसान एक सप्ताह से नहर बनाने में जुटे हैं। कोपरा से देहगुड़ तक 4 किमी लंबी नहर बनाने में किसानों को डेढ़ लाख रुपए खर्च करने है। इसके लिए किसानों ने आपस में चंदा किया है। देहगुड़ के किसान गजानंद झोड़, चंद्रशेखर झोड़, सेवा झोड़, रामेश्वर झोड़, इमरत झोड़, नारायण डढोरे एवं रामदास अमरुते सहित आधा सैकड़ा किसान नहर बनाने में जुटे हैं।


नहर का निर्माण जल्द से जल्द हो इसके लिए किसान जेसीबी का उपयोग भी कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि 2009 में खेतों तक पानी पहुंचना था, लेकिन पूवज़् ठेकेदार और सिंचाई विभाग ने नहर का काम पूरा नहीं किया। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा। सरकारी कार्यों की लेट-लतीफी से परेशान किसान स्वयं ही खेतों तक पानी पहुंचाने में लगे हैं।


देहगुड़, नयेगांव के किसानों ने नहर के मुद्दे पर मंडी चुनाव का बहिष्कार किया था। इसके बाद भी अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं।


2007 में किया था सीएम ने शिलान्यास: बाकुड़ जलाशय का भूमिपूजन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2007 में किया था। इसमें 13 किमी लंबी नहर से कोपरा, अक्कलवाड़ी, देहगुड़, नयेगांव, रजोला, खोदरी सहित एक और गांव के किसानों को पानी मिलना था। समय सीमा में नहर बनाने के लिए कई बार आवेदन देने के बाद भी काम पूरा नहीं किया गया।

आरएन यादव, एसडीओ, सिंचाई विभाग, आठनेर  का बयान


नहर निर्माण के लिए दोबारा टेंडर लगाए है। एक सप्ताह में काम प्रारंभ हो जाएगा। बाकुड़ जलाशयसे 1700 हेक्टेयर में सिंचाई होनी है।

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