भोपाल। पुण्यसलिला नदी मॉ ताप्ती को सम्मान दिलाने के लिए आज पूरा बैतूल दिनभर बंद रहा। मांग भी क्या केवल इतनी कि मध्यप्रदेश गान में ताप्ती का नाम शामिल किया जाए, लेकिन शासन है कि उनकी मांग सुनने को तैयार ही नहीं। इस बंद के बाद भी शासन की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई।
म.प्र. सरकार ने म.प्र. के गौरव के बखान के लिए ‘मध्यप्रदेश गान’ अनुमोदित किया है, जो विभिन्न अवसरों पर सामूहिक रूप से गाया जाता है तथा विभिन्न प्रसारण माध्यमों से समय-समय पर प्रसारित भी होता है। इस अधिकृत ‘मध्यप्रदेश गान’ में बैतूल जिले से निकलने वाली पुण्य सलिला मां सूर्यपुत्री ताप्ती नदी का नाम प्रदेश गान में कहीं पर भी उल्लेखित नहीं है। ताप्ती सृष्टि निर्माण के समय अवतरित एक मात्र ऐसी नदी है जिसका प्रदेश गान में नाम न होने से पूरे ताप्ती अंचल के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक विनोद डागा ने बताया है कि ताप्ती अंचल की जनता ने एक स्वर में पवित्र ताप्ती को म.प्र. गान में अविलंब शामिल करने की मांग की है और अपनी इस मांग के समर्थन में आज संपूर्ण बैतूल बंद रखा। राज्य सरकार को अपनी इस भूल को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाकर संशोधित म.प्र. गान जारी करना चाहिए, क्योंकि ताप्ती अंचल के नागरिक पावन ताप्ती को ‘‘गान’’ में शामिल कराने के लिए कटिबद्ध हो गए हैं।
मां सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति ने इस संबंध में आज मुख्य मंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा है। इस ज्ञापन में ताप्ती को ‘‘मध्यप्रदेश गान’’ में शामिल करने के अलावा बैतूल जिले में 250 कि.मी. के बहाव क्षेत्र के विकास के लिए स्वतंत्र विकास प्राधिकरण, ताप्ती घाटी परियोजना बनाने तथा ताप्ती नदी के किनारे स्थित शिवधाम बारहलिंग सहित अन्य सभी धार्मिक और पर्यटन स्थलों का प्राथमिकता के आधार पर सर्वांगीण विकास करने की मांग भी की गई है।