20 साल बाद होंगी सरकारी कॉलेजों में असि. प्रोफेसर्स की भर्तियां

भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग जल्द ही सरकारी कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती करने जा रहा है। करीब 1300 पदों पर नियुक्ति होना है जिसमें लगभग 400 पद सामान्य वर्ग के बताए जाते हैं। सामान्य वर्ग के लिए लगभग 20 साल बाद सहायक प्राध्यापकों की भर्ती होना है। भर्ती में पात्रता नियम यूजीसी के अपनाए जाएंगे। इसकी पुष्टि विभाग के प्रमुख सचिव जे.एन. कंसोटिया ने की है। 

विभाग इन पदों को अगले शिक्षा सत्र के दौरान ही भरना चाहता है। उसने तय किया है कि यूजीसी नियमों के तहत ही भर्ती करेगा, हालांकि इसके लिए उसे सामान्य प्रशासन विभाग से नियमों में संशोधन कराना होंगे। अभी तक वह मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) को अपने बनाए नियमों के साथ विषयवार पदों की जानकारी भेज देता था। आयोग परीक्षा करवाकर मेरिट सूची विभाग को सौंप देता था। 

सूची मिलने के बाद विभाग रिक्त पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर देता था। चार महीने पहले भी उच्च शिक्षा विभाग ने करीब 300 पद पीएससी को भेजे थे लेकिन भर्ती नियम स्पष्ट नहीं होने से पीएससी ने पद लौटा दिए थे। इस बार विभाग कोई गलती नहीं करना चाहता। 


ये है यूजीसी की गाइड लाइन 


सहायक प्राध्यापक बनने के लिए यूजीसी की गाइड लाइन के तहत अभ्यर्थी को पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री 55 प्रतिशत अंक से पास होना चाहिए। इसके अलावा वह नेट (नेशनल एलिजिबलिटी टेस्ट) पास हो। यदि प्रदेश सरकार चाहे तो स्वयं स्लेट (स्टेट लेवल टेस्ट) करवा सकती है जिससे नेट की जरूरत नहीं रहेगी। नेट या स्लेट नहीं भी हो तो पीजी में 55 प्रतिशत के साथ पीएचडी डिग्रीधारी भी पात्र होते हैं। 

ऐसे हो सकती है चयन प्रक्रिया- उच्च शिक्षा विभाग में फिलहाल पदों की जानकारी के साथ भर्ती प्रक्रिया को लेकर भी काम चल रहा है। माना जा रहा है विभाग स्नातकोत्तर में 55 फीसदी अंक पाने वालों को पात्र मानेगा। एससी, एसटी या ओबीसी वर्ग के लिए 50 फीसदी अंक वाले पात्र माने जाएंगे। इसके बाद पीएससी के माध्यम से परीक्षा ली जाएगी। साक्षात्कार में नेट, पीएचडी, एम.फिल., एनसीसी, खेल आदि उपलब्धियों के नंबर अलग से दिए जाएंगे। 

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