भोपाल। आरिएंटल यूनिवर्सिटी में मान्यता को लेकर स्टूडेंट्स का आंदोलन तेज होता जा रहा है। यहां यूनिवर्सिटी परीक्षाएं कराने की कोशिश कर रही है तो वहां स्टूडेंट्स का कहना है कि जिस यूनिवर्सिटी के पास मान्यता ही न हो उसमें परीक्षाएं देने का क्या फायदा। इसी मसले को लेकर शुक्रवार को वहां खूब हंगामा हुआ, अंतत: पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
इंदौर की सांवेर रोड स्थित ओरिएंटल यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को मान्यता को लेकर जमकर हंगामा मचा। बी-टेक की परीक्षा देने से इनकार करते हुए एक छात्रा छत पर चढ़ गई और कूदने की धमकी देने लगी। मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रा को बमुश्किल नीचे उतारा। इधर, गेट तोड़कर भीतर घुसने की कोशिश कर रहे छात्रों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। एक छात्र घायल भी हो गया।
नहीं देना बिना मान्यता के परीक्षा
हंगामे की शुरुआत सुबह उस वक्त हुई जब कॉलेज द्वारा आयोजित बी-टेक परीक्षा देने पहुंची एक छात्रा ने मान्यता नहीं होने की बात कहकर इसमें बैठने से इनकार कर दिया। कुछ अन्य छात्रों ने भी परीक्षा का बहिष्कार कर दिया। फिर छात्रा भवन की छत पर चढ़ गई और कूदने की धमकी देने लगी। सकते में आए कॉलेज प्रबंधन ने पुलिस को बुलवाया। पुलिस ने जैसे-तैसे समझाकर छात्रा को नीचे उतरवाया। इसके बाद छात्रों ने नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया।
झूमाझटकी के बाद दौड़ाया
दोपहर में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया तो एडीशनल एसपी दिलीप सोनी, सीएसपी राजेश दंडोतिया भी पहुंच गए। उन्होंने कार्यकर्ताओं और छात्रों को आश्वासन दिया कि वे कॉलेज प्रबंधन से बातचीत कर समस्या का हल निकालेंगे। इसके बाद बातचीत शुरू हुई।
डेढ़ घंटे बाद भी जब बातचीत खत्म नहीं हुई तो छात्र व कार्यकर्ता भड़क गए। उन्होंने गेट तोड़ दिया और भीतर घुसने लगे। पुलिस से हुज्जत भी हुई। इसके बाद पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और सभी को गेट से बाहर खदेड़ दिया। एक छात्र घायल हो गया। पुलिस ने एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सिद्धार्थ यादव, छात्र प्रशांत कुमार, संजय कोतवाल और मृत्युंजय पांडे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
एनएसयूआई प्रभारी विकान ननवाना का कहना है कि कॉलेज ठोस आश्वासन देने को तैयार नहीं है। कई बातों पर अब भी असमंजस है। पुलिस की मौजूदगी में छात्रों को डराने की कोशिश की गई। भूख हड़ताल पर शनिवार को निर्णय लिया जाएगा।
इधर आईआईपीएम डीन प्रो. अभिषेक का कहना है कि आधी बातचीत सफल रही। दिल्ली से आई हमारी टीम ने सारी समस्या हल कर दी है। अब छात्रों को तय करना है कि वे क्या चाहते हैं। हमने एक-एक समस्या का ठोस हल दिया है।
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ नरेन्द्र धाकड़ ने बताया कि मामले की जांच के लिए गई टीम हंगामा देख लौट आई। सोमवार को टीम दोबारा भेजी जाएगी। दो दिन पहले ही राजभवन ने एनएसयूआई को बुलाकर समझाया था कि जांच चल रही है। जल्द रिपोर्ट आएगी। तब तक हंगामा मत करना लेकिन कार्यकर्ता नहीं माने।
एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष महक नागर और महासचिव अरशद खान ने कहा जब जांच चल रही है और यूनिवर्सिटी बंद थी तो परीक्षा कराने की क्या जरूरत थी। पुलिस ने डेढ़ घंटे प्रबंधन से क्या बात की। इसकी जानकारी नहीं मिली इसीलिए हम अंदर जाना चाह रहे थे।
यूनिवर्सिटी चांसलर के.एल. ठकराल ने कहा हम तो परीक्षा आयोजित कर रहे थे। कुछ छात्रों ने जानबूझकर बहिष्कार किया। एक छात्रा ने छत पर चढऩे की कोशिश की। पुलिस से भी शांतिपूर्ण बात चल रही थी लेकिन छात्रों ने गेट तोड़ दिया।