भोपाल। खबर मिल रही है कि मध्यप्रदेश में सड़कों के मामले में एक बार फिर पीडब्ल्यूडी को पॉवर दिए जाने की सिफारिश की गई है। यह सिफारिश मुख्य सचिव आर परशुराम ने की है अत: मामला वजनदार है और उम्मीद है कि शीघ्र ही इस मामले में वही निर्णय सामने आएंगे जो कि परशुराम चाहेंगे।
मध्यप्रदेश में बदहाल सड़कों के कारण परेशान सरकार को इस परेशानी का कोई हल नहीं सूझ रहा है। मध्यप्रदेश में सड़कों का निर्माण तो आधा दर्जन से ज्यादा ऐजेंसियां करतीं हैं परंतु जब आक्रोश फूटता है तो सामना सरकार को करना पड़ता है और सरकार जूते उतारकर पीडब्ल्यूडी विभाग पर पिल पड़ती है।
बार बार दुत्कार सुनते सुनते अंतत: पीडब्ल्यूडी विभाग के तमाम अधिकारी एकजुट हो गए हैं। पिछले दिनों उन्होंने अपने प्रमुख सचिव को सारी परेशानियां बताईं। प्रमुख सचिव भी जिलों के ईई की परेशानियों से सहमत थे। इसके चलते उन्होंने कलेक्टरों को एक पत्र भी लिखा जिसमें कलेक्टरों से निवेदन किया गया है कि वो पीडब्ल्यूडी विभाग के ईई को बार बार मीटिंग में न बुलाएं। उनके पास काम बहुत है, उन्हें काम करने का समय दें।
इसके इतर आला अधिकारियों ने भी इस मामले पर गंभीरता से चर्चा की। मध्यप्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी के मुखिया होने के नाते आर परशुराम ने समस्या में उलझने के बजाए उसे सुलझाने की ओर फोकस किया।
परशुराम ने सीएम को सुझाव दिया है कि मध्यप्रदेश की सभी सड़कों के लिए एक बार फिर पीडब्ल्यूडी को ही पॉवरफुल बना दिया जाए। इससे वो जिम्मेदार भी हो जाएंगे और जबावदेह भी। अब बॉल सीएम के पाले में है। देखते हैं इस मामले पर निर्णय कितनी तेजी से आता है।