SDO प्रसन्ना मिश्रा हत्याकांड में बेवफा बीवी को आजीवन कारावास

खंडवा(शेख शकील)/ खंडवा में बहुचर्चित प्रसन्न मिश्रा हत्याकांड में आज खंडवा न्यायालय ने प्रसन्न मिश्रा की बेवफा बीवी सहित तीन लोगों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई। सजा प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती आशिता श्रीवास्तव ने सुनाई और शासन की ओर से मामले की पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक दीपक कुर्रे ने की। 

रेखा मिश्रा उर्फ़ शबनम और साहेब अली पिता एहमद अली और करामत अली पिता एहमद अली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। न्यायाधीश ने साहेब और करामत अली को धारा 302 , 120 बी में आजीवन कारावास के साथ धारा 201 में तीन वर्ष अतिरिक्त एक हजार जुर्माना सहित 500 रूपये जुर्माने से भी दण्डित किया है। 

इसी तरह रेखा मिश्रा उर्फ़ शबनम को धारा 302, 120 बी में 500 के अर्थ दंड से दण्डित किया है जुर्माना न भरने पर क्रमशः 6-5 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई इस मामले में साहेब अली के परिजनों ने " तेज़ न्यूज़ " को बताया की इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में जायेंगे |


बेवफा पत्नी का नाटक


13 जुलाई 2003 को लापता हुए श्री मिश्रा की पत्नी रेखा मिश्रा ने कोतवाली पुलिस में दस दिन बाद २३ जुलाई को गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। तभी से पुलिस प्रसन्ना मिश्रा की तलाश में जुटी थी। लंबी मशक्कत के बाद भी कोई सुराग हाथ नहीं लगने पर पुलिस की जाँच ठंडी पड़ गई और फाइल बंद हो गई। प्रसन्ना के छोटे भाई अनुराग मिश्रा को इसके पीछे अपनी भाभी और उसके एक कथित प्रेमी का हाथ होने की आशंका थी, जिसकी उन्होंने बाकायदा पुलिस में लिखित शिकायत भी की थी। पुलिस की उदासीनता से खिन्ना होकर अनुराग ने न्यायालय की शरण ली। उच्च न्यायालय ने इस मामले की जाँच के लिए सीआईडी को आदेश दिया, लेकिन सीआईडी को कुछ भी हाथ नहीं लगा। 


फाइल बंद होने के तीन दिन पहले आरोपी आये हाथ


सात वर्ष पूर्व हुई इस वारदात को शहरवासियों के साथ ही पुलिस भी भूल चुकी थी। मामले में जुटी पुलिस को एक युवक हाथ लगने पर प्रसन्ना मिश्रा हत्याकांड फिर सुर्खी बन गया। युवक ने पूछताछ में बताया कि उसे शबनम नाम की महिला ने सैय्यद साहेब अली द्वारा प्रसन्ना मिश्रा को मौत के घाट उतारने की बात बताई थी। कोतवाली पुलिस द्वारा इस सुराग के आधार पर खिरकिया से संदिग्धों की धरपकड़ करने पर हत्या का मकसद और आरोपियों की तस्वीर साफ हो गई, लेकिन सात वर्ष पूर्व हुई हत्या में शव की बरामदगी पुलिस के लिए चुनौती साबित हुई। बताया जाता है कि शराब के आदि प्रसन्ना से परेशान पत्नी रेखा मिश्रा पति की लत छुड़वाने के चक्कर में कथित तांत्रिक सैय्यद साहेब अली के वशीकरण का शिकार हो गई। धीरे-धीरे दोनों के बीच अवैध संबंध ही प्रसन्ना की मौत की वजह बन गई। तांत्रिक ने एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर गला घोटकर प्रसन्ना की हत्या कर दी और लाश खेड़ी के निकट दफना दी। 


रेखा बन गई शबनम


प्रसन्न की हत्या के बाद रेखा ने तांत्रिक सैय्यद साहेब अली से निकाह कर ३ बच्चों के साथ रहने लगी। उसने बच्चों सहित धर्म परिवर्तन भी कर लिया। इस्लाम अपनाने के लिए इन्हें अजमेर ले जाया गया। धर्म परिवर्तन के बाद रेखा का नाम बदलकर शबनम पति सैय्यद साहेब अली, लड़की विभूति मिश्रा को मुस्कान अली (22), लड़का सिद्धार्थ मिश्रा को इमरान पिता सैय्यद साहेब अली ऋषि राज मिश्रा को समीर पिता सैय्यद साहेब अली (15) का नाम दे दिया गया। करीब सात वर्षों से ये इंदौर की ग्रीन पार्क कॉलोनी में रह रहे थे। 


पुलिस ने धरदबोचा


कोतवाली पुलिस को प्रसन्ना मिश्रा की हत्या का सुराग मिलने पर थाना प्रभारी संजय पाठक ने जाल बिछाकर आरोपी सैय्यद साहेब अली, उसका भाई सैय्यद करामत, पत्नी शबनम उर्फ रेखा मिश्रा को धरदबोचा। पूछताछ में तांत्रिक सैय्यद अली ने शव खेड़ी के पास दफनाने का खुलासा किया। 


मिला कंकाल


कोतवाली पुलिस ने इस आधार पर खुदाई शुरू कर शव की तलाश की। पुलिस दल दो दिनों तक तहसीलदार विजयप्रकाश सक्सेना एवं रवींद्र देवड़ा सहित मृतक प्रसन्ना मिश्रा के भाई अनुराग की उपस्थिति में शव की तलाश में जुटा रहा। करीब 24 घंटे की मशक्कत के बाद २० फुट नीचे प्रसन्ना मिश्रा का कंकाल बरामद हो गया। 


हत्या का प्रकरण दर्ज


कंकाल मिलने पर कोतवाली पुलिस ने सात वर्ष पूर्व रेखा पति प्रसन्ना मिश्रा की सूचना पर कायम गुम इंसान को हत्या में तब्दील कर 3 अरोपियों के विरुद्घ हत्या का प्रकरण दर्ज दर्ज कर लिया है। इसमें सैय्यद साहेब अली पिता सैय्यद एहमद अली कहारवाड़ी, करामत पिता एहमद अली कहारवाड़ी एवं रेखा मिश्रा उर्फ शबनम पति प्रसन्ना मिश्रा खिऱकिया के विरुद्घ मामला दर्ज किया है।


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