भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश में जो किसान हितैषी योजनाएं संचालित हैं, उनमें 90 प्रतिशत योजनाओं का पैसा केन्द्र से आता है। शिवराज सरकार केवल 10 पैसे खर्च करती है और क्रेडिट पूरे रुपए का लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मांग की है कि मध्यप्रदेश में ऋण माफी में हुए 118 करोड़ के घोटाले की जांच में दोषी भाजपा के सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दें।
श्री सिंह राजनाथ सिंह द्वारा कैग रिपोर्ट में ऋण माफी घोटाले की सी.बी.आई. जांच की मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। श्री सिंह ने कहा है कि बार-बार किसान पंचायत बुलाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई का जो पैसा बहा रहे है।
वास्तव में प्रदेश में कृषि विकास की जो भी योजनाएं है वो सभी केंद्र सरकार की है जिसके ठीक से क्रियान्वयन न होने के कारण मध्यप्रदेश में किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। श्री सिंह ने कहा कि सिर्फ राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं आईसोपाम योजना में पिछले चार साल में बीस हजार करोड़ रूपये से अधिक की राशि प्रदेश की भाजपा सरकार को केंद्र की कांग्रेसनीत सरकार ने दिए है जिसमें भारी घोटाला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हुआ जो पंचायतो में किसानों के नाम पर घडियाली आंसू बहा रहे है।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि स्वयं भाजपा सरकार ने जांच कर विधानसभा में यह स्वीकार किया है कि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के ऋण माफी में 118 करोड़ का घोटाला हुआ है। चूंकि इसमें बड़े पैमाने पर भाजपा के लोग शामिल हैं इसलिए किसान हितैषी होने का ढोंग रचने वाले मुख्यमंत्री कार्यवाही करने से परेहेज कर रहे है। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेशर्मी के साथ इस प्रदेश का पैसा विज्ञापन और अपने फोटो पर लुटा रहे है।
उन्होंने कहा कि जिस एक पेज के विज्ञापन में दूसरी बार उन्होंने योजनाएं गिनाकर वाहवाही लूटने का प्रयास किया है उनमें से 90 प्रतिशत योजनाएं केंद्र सरकार की है। श्री सिंह ने कहा कि फीडर विभक्तिकरण की जो योजना अटल ज्योति के नाम से शिवराज सिंह प्रदेश में चला रहे है वह वास्तव में केंद्र सरकार की राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना है जिसके लिए भारत सरकार ने साड़े सात हजार करोड़ रूपये मध्यप्रदेश को दिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस पैसे में भारी भ्रष्टाचार कथित किसान हितैषी मुख्यमंत्री की सरकार कर रही है।
यह योजना देश के अन्य राज्यों ने पूरी करके किसानों को इसका लाभ देना शुरू भी कर दिया है लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार की भ्रष्ट मानसिकता के चलते यह योजना आज तक लागू नही हो सकी। श्री सिंह ने आरोप लगाया कि जबलपुर जिले में इस योजना के तहत फीडर विभक्तिकरण का जो कार्य हुआ उसकी जब टेस्टिंग हुई तो 50 प्रतिशत ट्रांसफार्मर उड़ गए और उसके वायर जल गए। स्पष्ट है कि घटिया सामग्री के इस्तेमाल के कारण यह परिणाम सामने आया है। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री किसान हितैषी बन रहे है और कृषि उपकरणों और डीजल पर वैट बढ़ा रहे है स्वयं सरकार ने विधानसभा में इस बात को स्वीकार किया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि किसानों के साथ पंप कनेक्शन की बिलिंग में भी इस सरकार ने किसानों के साथ व्यापक पैमाने पर धोखाधड़ी की है। तीन हार्स पावर पंप के किसानों से 5 हार्स पावर तथा 5 हार्स पावर पंप वाले किसानों को 8 हार्स पावर पंप का बिल थमाया जा रहा है। श्री सिंह ने कहा 11 हजार किसानों ने जिस प्रदेश में आत्महत्या कर ली हो उस प्रदेश में मुख्यमंत्री पुरस्कार लेते हुए अपना फोटो छपवाएं यह किसानों के जले पर नमक ही छिड़कना है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब तक तीन किसान पंचायत और किसान संघ के बेनर तले भोपाल में हुए किसानों के आंदोलन में सौ घोषणा करने वाले शिवराज ने एक भी घोषणा का आदेश अपनी सरकार से जारी नहीं होने दिया। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे अब किसानों के नाम पर नौटंकी बंद कर प्रदेश की गरीब जनता के पैसे की बेशर्मी के साथ कर रहे फिजूल खर्ची को बंद करें।