श्योपुर,विजयपुर। गुरूनावदा निवासी खेमराज मोंगिया के 5 बीघा खेत में खड़ी सरसों की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है। गांव में रामसिंह के 12 बीघा खेत में बोई गई गेहूं की फसल भी बर्बाद हो गई है। यह दो किसानों की ही नहीं, बल्कि जिले के 100 से ज्यादा गांवों में पकी फसल देखकर खुश हो रहे किसानों की दर्दभरी कहानी है।
शनिवार को तेज बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। खेतों में पककर तैयार हुई सरसों की फलियां टूट गई है, वहीं गेहूं की बालियां भी गिर गई है। ओलावृष्टि से चना और धने की फसल को भी नुकसान पहुंचा है।
जिले के विजयपुर, कराहल, वीरपुर, बड़ौदा तहसील के गांवों में ओलावृष्टि से फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। श्योपुर तहसील के भी कई गांवों में ओलावृष्टि ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया है। गौरतलब है कि शनिवार को कई गांवों में दनादन 10 से 15 मिनट तक गिरे ओलों के कारण खेतों में कुछ देर सफेद रजाई की तरह नजर आने लगी। ओलों के कारण सरसों, गेहूं की फसल के साथ-साथ चने की डाल टूटकर जमींदोज हो गई, वहीं धना की तहलियां भी नष्ट हो गई। विजयपुर तहसील के वीरपुर, अगरा, ऊमरी, दौर्द, पांचों, नितनवास, रघुनाथपुर, ओछापुरा, हीरापुरा, सुमरेरा, मगरधा, बलोनी गांव में ओलावृष्टि होने से फसलों को 40 से 60 फीसदी तक नुकसान पहुंचा है।
कराहल तहसील के गोरस, सेसईपुरा, जाखदा, आवदा गांव, श्योपुर तहसील के गांव ढोढऱ, हांसिलपुर, बगदिया, सोंईकलां, गुरूनावदा, बगदरी, खिरखिरी में भी बारिश के साथ गिरे ओलों ने गेहूं, चना और धने की फसल को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाया है। जाहिर है कि किसानों की उम्मीदों पर बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि ने पानी फेर दिया है।
तालाब बन गए खेत
शुक्रवार को जबरदस्त बारिश और शनिवार को बरसात के साथ ओलावृष्टि ने खेतों पर बर्बादी की दास्तांन बयां कर रखी है। जिला मुख्यालय से सटे ग्राम गुरूनावदा और मोंगिया का टपरा गांव में फसलों की बर्बादी का आलम देखा जा सकता है। हालात यह ही खेतों में ओलावृष्टि होने से जहां फसलों की बालियां गिरी हुई पड़ी है। वहीं कई जगह फसलें आड़ी हो गई है। यही हाल अन्य गांवों का भी है। हालांकि राजस्व टीम के द्वारा किए जाने वाले सर्वे के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
ओला प्रभावितों के बीच पहुंचे कलेक्टर
विजयपुर। कलेक्टर ज्ञानेश्वर बी पाटिल ने विजयपुर और वीरपुर तहसील के ओला प्रभावित गांवों का दौरा कर फसलों की बर्बादी देखी है। कलेक्टर गांव पुरा, घमलोकी, मोरेका में पहुंचे। यहां किसानों ने उन्हें बताया कि ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। सरसों, गेहूं, चना की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। कलेक्टर ने किसानों को आश्वस्त किया कि राजस्व टीमों का गठन कर सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे के बाद जितना नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कराई जाएगी। कलेक्टर ने किसानों से कहा कि ऐसे किसान, जिन्होंने केसीसी का लोन लिया है। उनको बीमा कम्पनी के माध्यम से भी राहत राशि उपलब्ध कराने की पहल की जाएगी।
इनका कहना है...
एक-एक खेत का होगा सर्वे...
जिस किसी भी गांव में ओलावृष्टि हुई है, उस गांव के एक-एक खेत का सर्वे राजस्व टीम के द्वारा किया जाएगा। राजस्व टीमें सर्वे कर रही है। जल्द ही रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
ज्ञानेश्वर बी पाटिल
कलेक्टर, श्योपुर
कलेक्टर से बात की है...
मैने कलेक्टर ज्ञानेश्वर बी पाटिल से बात की है। कलेक्टर को ओला प्रभावित गांवों का दौरा करने के निर्देश दिए हैं। उम्मीद है कि राजस्व टीमें जल्द ही रिपोर्ट देगी। किसानों को घबराने की कतई जरूरत नहीं है। उन्हें हुए नुकसान का वाजिब मुआवजा दिलवाया जाएगा।
नरेन्द्र सिंह तोमर
सांसद, मुरैना-श्योपुर