भोपाल। अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बनते ही पूर्व विधायक संकट में घिर गए हैं। भाजपा के प्रदेश महामंत्री ने उन्हें आज फिर रिमांडर थमा दिया। टारगेट है 10 फरवरी तक प्रदेश और जिला समितियों का गठन। अब बेचारे खटीक जिन्हें मध्यप्रदेश के पचास जिलों के नाम तक याद नहीं, कार्यकारिणी कैसे बनाएं।
राजधानी में आज भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश महामंत्री लालसिंह आर्य ने कहा कि प्रदेष के सभी नगर, गांव, कसबों, मजरा टोलों तक मोर्चा का विस्तार होना चाहिए। प्रदेष में अनुसूचित जाति और उपजातियों के 47 फिरके हैं। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के विस्तार के साथ इन्हे मोर्चा के अंचल में लाकर उनका विश्वास अर्जित करें। बैठक की अध्यक्षता मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश खटीक ने की।
बैठक में खटीक ने यह तो बोल दिया कि टारगेट नियत समय में अचीव कर लिया जाएगा, लेकिन उनका बीपी लगातार बढ़ता रहा। श्री खटीक की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उन्हें शिवपुरी और शिवपुरी की कैरोसिन के अलावा मध्यप्रदेश के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है। वो एक सांस में बिना सूची देखे मध्यप्रदेश के 15 जिलों के नाम भी नहीं बता सकते, तो मध्यप्रदेश के 50 जिलों में कार्यसमिति का गठन कैसे करें।
बेचारे खटीक, अपने आकाओं की शरण में चले गए हैं। वो अंधाधुंध केवल नाम मांग रहे हैं, ताकि सूची तैयार कर एनओसी के लिए भेजी जा सके। आज 4 फरवरी तक उनके पास अपनी शिवपुरी को छोड़कर एक भी जिले का नाम मौजूद नहीं था। देखते हैं खटीक अपनी दम पर कितने जिलों में काम कर पाते हैं।