भोपाल। मध्यप्रदेश में प्रतिदिन 3 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर रहे हैं। यह रिकार्ड आज विधानसभा में गृहमंत्री द्वारा पेश किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले आठ सालों में 1326 किसानों ने आत्महत्या कीं हैं, औसत निकाला जाए तो प्रतिदिन 3 से ज्यादा किसानों की आत्महत्या प्रकाश में आतीं हैं।
विधानसभा में मंगलवार को कांग्रेस के विधायक महेंद्र सिंह के एक सवाल के जवाब में गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने बताया कि राज्य में वर्ष 2011 में 1,326 किसानों ने खुदकुशी की। इन किसानों की खुदकुशी के कारण अलग-अलग हैं। इनमें से महज 16 किसान ही ऐसे थे, जिन्होंने आर्थिक कारणों से जान दी।
गृहमंत्री ने एनसीआरबी के आंकाड़ों के आधार पर बताया है कि 2004- 2011 के दौरान स्वरोजगार के लिए कृषि कार्यो से जुड़े 10,861 लोगों ने जान दी। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2004 में 1638, 2005 में 1248, 2006 में 1375, 2007 में 1263, 2008 में 1379, 2009 में 1395, 2010 में 1237 और 2011 में 1326 किसानों ने खुदकुशी की।
बीते आठ सालों के खुदकुशी के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि हर रोज 3.71 किसानों ने अपनी जीवन लिला समाप्त की। दूसरे शब्दों में हर छह घंटे में एक किसान ने मौत को गले लगाया।
सरकार ने अपनी सफाई में कहा कि कि कृषि कार्य से जुड़े लोगों ने पारिवारिक विवाद, नशे की लत, बीमारी, आर्थिक व अन्य कारणों से खुदकुशी की।