कांग्रेस का दावा: लाठीचार्ज में 50 से ज्यादा कार्यकर्ता घायल

भोपाल। राजधानी में आज कांग्रेस द्वारा बुलाए गए बंद एवं प्रदर्शन के दौरान हुई पुलिस और कांग्रेस के बीच झड़प के मामले में कांग्रेस ने दावा किया है कि उसके 50 से ज्यादा कार्यकर्ता घायल हुए हैं। नेताओं ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। 

पीसीसी से जारी जानकारी के अनुसार प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं पर बढ़ते जघन्य अपराधों के खिलाफ आज भोपाल सहित राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस द्वारा दो घंटे का धरना-प्रदर्शन आयोजित कर भोपाल में राज्यपाल रामनरेश यादव को तथा अन्य जिलों में कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा गया। 

जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार धरना-प्रदर्शन में दो लाख से अधिक कांग्रेसजनों ने भाग लिया। प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया रतलाम में और नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह छतरपुर के धरने में शामिल हुए। भोपाल में बालिका काजल के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में अपरान्ह दो बजे तक कांग्रेस के आव्हान पर भोपाल बंद सफल रहा। 

महिलाओं और बालिकाओं पर अत्याचार और राज्य सरकार की विफलता के विरोध में प्रदेश कांग्रेस के आव्हान पर आज अपरान्ह जब करीब 500 कांग्रेसी नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री निवास के घेराव के लिए शांतिपूर्वक आगे बढ़ रहे थे, तो पुलिस ने पोलीटेकनिक चैराहे पर भारी बल प्रयोग करके उनको मुख्य मंत्री निवास की तरफ बढ़ने से रोक दिया। 

कांग्रेसी काफी आक्रोशित और उद्वेलित थे। उन्होंने पुलिस द्वारा खड़ी की गई बाधाओं को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया, जिसके कारण 50 से अधिक कांग्रेसी घायल हुए, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराया गया। 

पीसीसी से जारी प्रेसरिलीज में बताया गया है कि इस पुलिस लाठी चार्ज में श्रीमती नंदिनी राजपूत, हैदरयार खान, सैयद अहमद सुरूर, अकबर बेग, लक्ष्मीचंद यादव, श्रीमती शकीला बानू, फरीद खान, तोसीफ खान तथा गुड्डू चैहान को गंभीर चोटें आई हैं। अ.भा. कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी बी.के. हरिप्रसाद, राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजयसिंह एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने कांग्रेसियों पर इस बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करते हुए उसकी न्यायिक जांच की मांग की है।

आज प्रदेश कांग्रेस के प्रशासनिक कार्य प्रभारी एवं कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल एवं जिला (शहर) कांग्रेस अध्यक्ष पी.सी. शर्मा के नेतृत्व में भोपाल बंद भी सफल रहा। व्यापारिक प्रतिष्ठानों, ठेले खोमचे वालों, बस संचालकों आदि सभी वर्गो के लोगों ने स्वेच्छा से अपना व्यवसाय बंद रखा। कांग्रेस कार्यकर्तागण जत्थों में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में घूमकर बंद को सफल बनाने वालों को धन्यवाद दे रहे थे। 

युवा कांग्रेस द्वारा भोपाल लोकसभा क्षेत्र अध्यक्ष मनोज शुक्ला के नेतृत्व में हमीदिया रोड पर एक मोटर सायकल रैली निकाली गई। युवा कांग्रेस संगम टॉकीज का शो बंद कराने का जब शांतिपूर्वक प्रयास कर रहे थे तो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अजय पांडे का युवा नेता मनोज शुक्ला से विवाद हो गया। 

रैली शांतिपूर्ण थी, किंतु पुलिस ने उसको रोका और युवा कांग्रेसियों की मोटर साइकिलें जबरन छीनकर इधर-उधर फेंक दीं। इस निरंकुश कार्यवाही का विरोध करने पर पुलिस द्वारा युवा कांग्रेसियों पर बेरहमी से लाठियां बरसायी गईं, जिसमें कई युवा कांग्रेसियों को चोटें आईं।

भोपाल बंद कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला महिला कांग्रेस की पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी उल्लेखनीय सक्रियता दिखाई। कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता टोलियों में पुराने शहर के सराफा क्षेत्र में घूमीं तथा जब उन्हें जानकारी मिली कि डीबी मॉल खुला है तो वे वहां पहुंची और माल प्रबंधन को समझाइश देकर माल बंद कराया। माल प्रबंधन ने महिला कार्यकर्ताओं के साथ काफी सहयोग किया। 

अन्य क्षेत्रों में भी बंद को लेकर आम नागरिकों ने स्वेच्छा से सहयोग दिया। महिला कांग्रेस का जो दल जिलाध्यक्ष श्रीमती प्रतिभा विक्टर के नेतृत्व में सुबह से सक्रिय रहा, उसमें सिमरन उपाध्याय, करूणा शर्मा, शहाना हसन, चंदा सर्वटे, शाहजहां खान, लक्ष्मी सैनी और साधनासिंह प्रमुख थीं।


राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन


प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं पर अत्याचार की गंभीर समस्या से अवगत कराते हुए कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने पूर्व सांसद लक्ष्मणसिंह और मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल के नेतृत्व में आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया की ओर से राज्यपाल रामनरेश यादव को एक ज्ञापन सौंपा। 

ज्ञापन में महिलाओं और बालिकाओं पर बढ़ते अत्याचारों को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर कड़े कदम उठाने, गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता और आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री विजय शाह को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की गई है। श्री शाह ने बालिकाओं की सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार की जवाबदारी को नकारने संबंधी बयान दिया है। कांग्रेस के इस प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश कांग्रेस की उपाध्यक्ष श्रीमती आभासिंह, संगठन प्रभारी महामंत्री रवि जोशी, प्रवक्ता द्वय प्रमोद गुगालिया और अभय दुबे, प्रदेश सचिव रवि सक्सेना, जितेन्द्रसिंह ठाकुर, कुंदन पंजाबी तथा कैलाश शर्मा प्रमुख रूप से शामिल थे।

ज्ञापन इस प्रकार था 


प्रति,
माननीय श्री रामनरेश जी यादव
महामहिम राज्यपाल
म.प्र., भोपाल।

विषय: म.प्र. में बालिकाओं पर बढ़ते अत्याचार एवं राज्य सरकार के मंत्री द्वारा बालिका सुरक्षा से मुकरने संबंधी बयान के विरोध में कांगे्रस का ज्ञापन।

महामहिम,
यह अत्यंत खेद एवं चिंता की बात है कि कांगे्रस द्वारा बार-बार चेतावनी दी जाने और स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया जाने के पश्चात भी महिलाओं और बालिकाओं पर हो रहे गंभीर अपराधों की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा जवाबदारी के साथ प्रभावशाली कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में प्रतिदिन बलात्कार और सामूहिक बलात्कार की नौ से बारह घटनाएं हर रोज घटित हो रही हैं। प्रदेश के लिए शर्मनाक एवं गंभीर चिंता का विषय है कि बलात्कार एवं सामूहिक बलात्कार की शिकार बालिकाओं की जघन्य हत्याएं भी हो रही हैं।

इन घटनाओं के कारण पूरा प्रदेश इस समय चिंतित और भयभीत है। बालिकाओं का घर से निकलना दूभर हो गया है। असुरक्षा की स्थिति पूरे देश में व्याप्त हो चुकी है। प्रदेश की शंाति व्यवस्था और प्रगति के लिए यह स्थिति अत्यंत घातक सिद्ध हो रही है। राजधानी भोपाल में 3 और 4 फरवरी 2013 की दरम्यानी रात में काजल नाम की 8 वर्ष की बालिका के साथ गृह मंत्री के बंगले के पास पाशविक बलात्कार और फिर जघन्य हत्या की घटना इसका ताजा प्रमाण है। गृह मंत्री के बंगले के पास अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र में जब ऐसी जघन्य वारदात हो सकती है तो पूरे प्रदेश में क्या कुछ नहीं घट रहा होगा सहज ही कल्पना की जा सकती है।

प्रदेश में कानून व्यवस्था की कमजोरी और उदासीनता के कारण जब बालिकाओं की सुरक्षा गंभीर खतरे में पड़ गई हो, ऐसे समय में राज्य मंत्रि-मंडल के एक वरिष्ठ सदस्य-आदिमजाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री विजय शाह ने हाल ही में अलीराजपुर के एक कार्यक्रम में बहुत ही आपत्तिजनक बयान दिया है। श्री शाह ने कहा है कि छात्रावासों आदि सरकारी आवासीय संस्थाओं में रहने वाली बालिकाओं की सुरक्षा का ठेका सरकार ने नहीं ले रखा है। इन संस्थाओं में माता-पिता ही अपनी बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। भविष्य में उन्हीं बालिकाओं को इन आवासीय संस्थाओं में प्रवेश दिया जाएगा जो अपने स्तर पर अपनी सुरक्षा के बारे में लिखकर देंगी।

महामहिम, एक वरिष्ठ मंत्री का यह सार्वजनिक बयान साबित करता है कि राज्य की वर्तमान सरकार बालिकाओं की सुरक्षा के अपने संवैधानिक दायित्व से पीछे हट रही है। म.प्र. के इतिहास में अब तक किसी मंत्री ने इस प्रकार का गैर जिम्मेदाराना बयान देकर बालिकाओं की सुरक्षा के लिए खतरे की गंभीर स्थिति निर्मित नहीं की है। मंत्री का यह बयान नारी जाति का घोर अपमान है। मंत्री के इस बयान के फलस्वरूप आवासीय संस्थाओं में रहने वाली बालिकाओं के साथ-साथ अन्य बालिकाओं में भी दहशत और असुरक्षा की भावना व्याप्त हो गई है।

महामहिम, म.प्र. में राज्य सरकार महिलाओं और बालिकाओं पर हो रहे अत्याचारों के मामले में अपराधों और अपराधियों पर पूर्ण नियंत्रण करने की बजाय मूकदर्शक बनी चुपचाप सब कुछ होता हुआ देख रही है। प्रदेश में सरकार का ऐसा असंवेदनशील और गैर जिम्मेदाराना रवैया पहली बार देखने को मिल रहा है। इन दिनों प्रदेश की जनता को ऐसा लग ही नहीं रहा कि यहां एक उत्तरदायी सरकार मौजूद है। परिणाम स्वरूप अपराधी मानसिकता वाले तत्वों ने बेखौफ होकर पूरे प्रदेश को अपने कब्जे में ले लिया है। इस समय ऐसा कोई जघन्य से जघन्य और बड़ा से बड़ा अपराध नहीं है, जो सरकार की अकर्मण्यता के कारण प्रदेश में घटित न हो रहा हो।
कांगे्रस एक जवाबदार राजनीतिक दल होने के कारण वह जनतांत्रिक तरीकों से इस स्थिति की तरफ राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करता रहा है। कांगे्रस के तत्संबंधी प्रयासों से महामहिम भी भलीभांति अवगत हैं। राज्य सरकार को गहरी नींद से जगाने और कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने के लिए प्रेरित करने हेतु जितने भी संभव तरीके हो सकते थे, कांगे्रस उन सबका पिछले डेढ़ वर्ष में उपयोग कर चुकी है। उसने जन भावनाओं को अभिव्यक्ति देने के लिए भोपाल में बालिका के साथ बलात्कार और उसकी जघन्य हत्या तथा मंत्री श्री विजय शाह के बयान के विरोध में आज दिनांक    8 फरवरी 2013 को अपरान्ह 01 से 3 बजे तक पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन आयोजित किये, जिसमें कांगे्रसजनों के अलावा आम नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बालिकाओं ने भी बड़ी संख्या मंे भाग लेकर स्थिति पर अपना आक्रोश प्रगट किया है। भोपाल की घटना के कारण जन मानस में भारी रोष को देखते हुए कांगे्रस के आव्हान पर भोपाल में अपरान्ह 2 बजे तक शांतिपूर्ण बंद रखा गया, जो पूर्ण सफल रहा। बंद के कार्यक्रम में सभी वर्गों के लोगों ने स्वेच्छा से भाग लिया।

इन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए कांगे्रस की ओर से महामहिम से अनुरोध है कि -
1. प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं पर हो रहे अत्याचारों की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर कड़े प्रशासनिक कदम उठाये जाएं जिससे कि बलात्कारी मानसिकता वाले तत्वों के साथ हर स्तर पर सख्ती से निपटा जा सके और प्रदेश में महिला वर्ग के लिए सुरक्षा और सम्मान की स्थिति पुनः बहाल हो सके। इस इस हेतु महामहिम तत्काल राज्य सरकार को आदेशित करने की कृपा करें।
2. प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर जो चिंताजनक गंभीर स्थिति पैदा होने से महिला और बालिकाओं की सुरक्षा गंभीर खतरे में पड़ गई है, उसके लिए गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता सीधे तौर पर जवाबदार हैं। अतः कृपया मुख्य मंत्री को अपने स्तर से आदेशित करें कि वे प्रदेश के हित में  श्री गुप्ता को गृह मंत्री पद से तत्काल बर्खास्त करें।

3. मंत्री श्री विजय शाह ने अपने संवैधानिक दायित्वों की उपेक्षा करते हुए जो बयान दिया है, उससे प्रदेश की बालिकाओं में असुरक्षा की भावना तेजी से व्याप्त हो रही है। आम जनता में भी यह संदेश जा रहा है कि सरकार अपने संवैधानिक दायित्वों से पीछे हट रही है। अतः कृपया श्री शाह से भी तत्काल मंत्री पद से इस्तीफा लेने हेतु मुख्य मंत्री को आदेशित करने का कष्ट करें।

सादर,
भवदीय

(कांतिलाल भूरिया) 
अध्यक्ष,
म.प्र. कांग्रेस कमेटी, भोपाल

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!