भोपाल। मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में बढ़ाए गए अध्यापकों के वेतन को राज्य अध्यापक संघ ने झुनझुना बताया है। संगठन के संभागीय व जिला पदाधिकारियों ने समान कार्य के लिए समान वेतन व शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग को लेकर फिर से आंदोलन शुरू करने की घोषणा कर दी है। इसमें पहला धरना कलेक्टोरेट पर तीन फरवरी को दिया जाएगा। यहां मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा जाएगा।
मध्यप्रदेश राज्य अध्यापक संघ के संभागीय अध्यक्ष शिवराज शर्मा व जिला अध्यक्ष हरेंद्रसिंह परमार ने कहा है कि अध्यापक संघ विभिन्न मांगों को लेकर पिछले 15 साल से आंदोलन कर रहा है। लेकिन मध्यप्रदेश की सरकार हर बार हजार-पांच सौ रुपए बढ़ाकर अध्यापकों को एक झुनझुना पकड़ा देती है। जबकि अध्यापकों का संविलियन शिक्षा विभाग में नहीं किया जा रहा है।
परीक्षाओं का करेंगे बहिष्कार
संगठन के नेताओं ने कहा कि अध्यापकों ने इस बार फिर क्रमिक आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है। जिसमें धरने के बाद 16 व 17 फरवरी को सांसद व विधायक का घेराव किया जाएगा। इसके अलावा 17 व 18 फरवरी को सभी अध्यापक सामूहिक अवकाश लेकर स्कूलों की तालाबंदी करेंगे। अगर इतने पर भी अध्यापकों की मांगें नहीं मानी गईं तो परीक्षा कार्य का बहिष्कार किया जाएगा। अध्यापक संघ के धर्मेंद्र तोमर, राघवेंद्र तोमर, शैलेंद्र तोमर, विनोद गुर्जर, राकेश जादौन, केशव शुक्ला, केपी सिकरवार, उदयवीर सिंह यादव, मधु तोमर, मंजू सोनी, रीनू सिकरवार व रघुपाल सिंह ने अध्यापकों से आग्रह किया है कि वे कलेक्टोरेट पर धरने में शामिल हों।