भोपाल। पत्रकारिता के सामने कई सारी चुनौतियां हैं, इसकी अपूर्णता दूर करना हमारी जिम्मेदारी है। विश्व में पत्रकारिता के स्वायत्त पर चिंता है, कि वह कैसे बचे। यह कहना है नई दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव का। वे शनिवार को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित पूर्व विद्यार्थी समागम कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क टाइम्स के सामने बड़ा संकट है कि वह डिजिटल वर्ड में कैसे जीवित रहे। युवा और मोबाइल का संबंध प्रगाढ़ है। घड़ी, मोबाइल और चश्मे में उन्होंने पूरी दुनिया को समेट लिया है लेकिन यह पहले अकल्पनीय था। उनका कहना है कि टेक्नोलॉजी बदल रही है लेकिन सार्थक सच की प्रवृत्ति नहीं बदलती।
वे कहते हैं कि सुखी जीवन की चाहत है तो पत्रकारिता छोड़ दें। वैश्विक चुनौतियां में यह जानना जरूरी है कि प्रायोजित विषय वस्तु एवं शुद्ध विचार क्या है। मीडिया में पिछले दस सालों में अवारा पूंजी लगी है।
उन्होंने कहा कि नेताओं में मीडिया मालिक बनने का शौक बढ़ गया है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रथम महानिदेशक प्रो. राधेश्याम शर्मा ने कहा कि जब मैं इस विश्वविद्यालय से जुड़ा था तब यह एक छोटे पौधे के समान था। आज यह पौधा एक बड़े बगीचे में परिवर्तित हो गया है। इसे देखकर बड़ी खुशी होती है। पत्रकारिता में विवेक की आवश्यकता होती है। शिक्षा के साथ-साथ विवेक जाग्रत होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कलम न अटकी है न अटकनी चाहिए। नई पीढ़ी को यह प्रयास करना होगा कि फोर्थ स्टेट, रियल स्टेट में न बदल पाए। इस अवसर पर नंद किशोर त्रिखा ने कहा कि पत्रकारिता में आज पहले से कहीं ज्यादा अवसर हैं। स्टूडेंट्स को इस बात की परवाह नहीं करनी चाहिए कि उन्हें भविष्य में अवसर मिलेंगे या नहीं। उनका कहना है कि चुनौतियां तो कई हैं लेकिन कहीं न कहीं इन चुनौतियों का समाधान भी है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति बीके कुठियाला ने कहा कि संप्रेषण कौशल एवं टेक्नोलॉजी का बेहतर तालमेल भविष्य की मीडिया की आवश्यकता होगी। और विश्वविद्यालय इस दिशा में अध्यनरत स्टूडेंट्स को इसके लिए तैयार कर रहा है। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा रविशंकर द्वारा लिखित पुस्तक राष्ट्रवादी पत्रकारिता एवं विश्वविद्यालय की शोध पत्रिका मीडिया मिमांसा का विमोचन किया गया। इसके साथ ही स्टूडेंट्स ने अपने अनुभव भी सुनाए।
इस अवसर पर सहारा समय मप्र-छत्तीसगढ़ के प्रमुख मनोज मनु, विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यपालक निदेशक प्रो. रामशरण जोशी, सांसद उदय प्रताप सिंह, विधायक विश्वास सारंग, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं समस्त स्टाफ उपस्थित था।