अनूपपुर (राजेश शुक्ला)। मुख्यमंत्री के बुलावे पर राजधानी गए किसानों को दो जून की रोटी तक नसीब नहीं हुई। उन्हें लावारिसों की तरह बस में भरा गया और भोपाल में लेजाकर छोड़ दिया गया। भोपाल से वापस लाते समय भी खाने पीने का कोई इंतजाम नहीं था।
मुख्यमंत्री ने 1 फरवरी को उद्यानिकी में नई तकनीकों के लिये हार्टीएक्सपो के तहत जिले के किसानों को भोपाल बुलाया था। इन्हें लेजाने की जिम्मेदारी उद्यानिकी विभाग को सौंपी गई जो इन किसानों को सही सलामत राजधानी तक ले जाये और वापस लेकर आये। इस दौरान जिले से उद्यानिकी में कार्य कर रहे किसानों को दो बसों के माध्यम से भोपाल ले जाया गया। इन किसानों को 31 जनवरी को उनके गांव से सुबह 10 बजे जिला मुख्यालय बुलाया गया और दोपहर को बस द्वारा इन्हें भोपाल ले जाया गया इस दौरान बेचारे किसानों को दोपहर का भोजन शाम की चाय तक नसीब नहीं हुई।
इतना ही नहीं रात्रि में इन किसानों को रास्ते के एक होटल में रोककर खाने को कहा गया, परंतु उस होटल में सभी किसानों को भोजन उपलब्ध नहीं हो सका। जिससे दिनभर के भूखे किसान दूसरे दिन राजधानी पहुंचे जहां मुख्यमंत्री द्वारा उद्यानिकी में नवीनतम तकनीकों के बारे में भेल के दशहरा मैदान में इन किसानों को इससे रूबरू कराया गया। यहां आयोजित इंटरनेशनल हार्टीएक्सपो 2013 में उद्यानिकी में नई तकनीकों की जानकारी दी गई। इसके बाद सभी जिले के समस्त ब्लांकों के 87 किसान अपने जिले के लिये रवाना हुये तब तक इन किसानों को उद्यानिकी विभाग द्वारा किसी प्रकार की सुध नहीं ली गई।
रात्रि 8 बजे रास्ते में एक होटल में भोजन कराया गया उसमें भी आधे अधूरे लोगों को जबकि अनूपपुर से जाते समय किसानों को यह कहा गया था कि आपकी सुखसुविधा खाने-पीने का ध्यान रखा जायेगा, परंतु साथ गये अधिकारियों द्वारा किसानों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया गया जो कि अशोभनीय है।
उद्यानिकी के हार्टीएक्सपो के सम्मेलन में भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष सूरज प्रसाद पटेल सहित कई किसान गये थे। इन किसानों ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई बदसलूकी व किसानों को भूखे रखने की शिकायत की। जिलाध्यक्ष सूरज पटेल ने कहा कि हम लोगों को यह कहकर यहां से ले जाया गया कि आपको रास्ते में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी, परंतु हम रास्ते भर भूखे रह गये और पानी को तरस गये। क्या मुख्यमंत्री किसानों के साथ ऐसा व्यवहार करने को अधिकारियों से कह रखे हैं।
विकासखण्ड जैतहरी के ग्राम धनगवां के पूर्व के किसान शंभू प्रसाद तिवारी ने भी उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई कार्य गुजारियों के संबंध में कहा कि ये लोग पीने के पानी तक के लिये हमे तरसा दिया खाने की बात तो दूर की है।
इसी प्रकार से विकासखण्ड अनूपपुर के ग्राम छोहरी निवासी भगवानदीन यादव ने भी कहा कि हम 10 बजे अनूपपुर आ गये थे और हमे रात्रि 10 बजे रास्ते के एक होटल में रोकर भोजन के लिये कहा गया , परंतु उस होटल में सभी भोजन नसीब नहीं हो सका।
जब इस संबंध में उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक जगदीश चंद्र कुशवाहा से मत जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि आज समाचार रोक दीजिए कल हम आपसे मिलेंगे और फिर अपना मोबाईल बंद कर दिया इसके बाद बार-बार फोन लगाने के बावजूद भी इन्होंने अपना मोबाईल नही उठाया।