धार। भोजशाला का विवाद गहराता ही जा रहा है। बसंत पंचमी के तीन दिन बाद भी यह विवाद तूल पकड़ता जा रहा है और धार में 'सीएम हाय-हाय' और 'शिवराज मौलाना मुर्दाबाद' के नारे लगाए गए है।
सत्तारूढ़ दल भाजपा में भोजशाला मुद्दे पर घमासान की स्थिति है और सरकार के मंत्री और विधायक ही सरकार और अफसरों पर हमला बोल रहे हैं। उधर, विपक्ष के हाथ एक जोरदार मुद्दा हाथ लग गया है। नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने कहा है कि शिवराज कमजोर मुख्यमंत्री हैं।
राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने धार विवाद पर सोमवार को कहा कि ऐसे अफसरों का क्या करें? ऐसे अफसर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उनका इशारा इंदौर रेंज की आईजी अनुराधा शंकर की ओर है।
धार की विधायक श्रीमती नीना वर्मा ने घटना के तीन दिन बाद सोमवार को मुंह खोला और कहा कि धार में जो प्रशासन ने जो किया, वह गलत किया। प्रशासन ने मामले को अनावश्यक तूल दिया है, जबकि प्रशासन को शांतिपूर्वक ढंग से मामले को निपटाना था।
धार जिले के कुक्षी से विधायक राज्य की महिला एव बाल विकास मंत्री रंजना बघेल तो 'नो कमेंट्स' कहकर कन्नी काट गईं। बसंत पंचमी के तीन दिन बाद भी धार के लोगों, खास तौर पर भाजपाइयों और हिंदूवादी नेताओं में खासा गुस्सा है। धार में मुख्यमंत्री के खिलाफ भी नारेबाजी की गई है, वहीं आईजी अनुराधा शंकर को हटाए जाने की मांग भी जोर पकड़ती जा रही है।
न राम मिले न रहीम: अजयसिंह
नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने भोजशाला के मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को कमजोर मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि भाजपा को न राम मिले, न रहीम। उन्होंने बलप्रयोग को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए दोषी अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।